Rahul Gandhi: एक्सपर्ट ने कहा 2021 तक रहेगा Coronavirus का असर

अमरीका और यूरोपीय देशों के तुलना में युवा जनसंख्या होने के कारण भारत में कोरोना उतना भयंकर क्षति नहीं पहुंचाएगा

Publish: May 28, 2020, 01:25 AM IST

कांग्रेस नेता व वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने स्वास्थ्य विशेषज्ञ प्रो. आशीष झा और प्रो. जोहान गिसीके से कोरोना संक्रमण के मुद्दे पर बातचीत की है। विशेषज्ञों ने बताया कि यह महामारी 2-3 महीनों में खत्म नहीं होगी बल्कि 2021 तक परिस्थितियां सामान्य होंगी। उन्होंने कहा, 'भारत को टेस्टिंग स्ट्रेटजी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। लॉकडाउन से यह वायरस रुकता नहीं है बल्कि तैयारियां करने का मौका देता है। भारत को लॉकडाउन खत्म कर टेस्टिंग को बढ़ाना होगा।' इस दौरान राहुल ने हिंदी में पूछा कि भैया, ये बताइए कि वैक्सीन कब आएगी? इसके जवाब में प्रो. झा ने कहा कि मैं आश्वस्त हूं कि अगले साल तक वैक्सीन आ जाएगी।

गौरतलब है कि राहुल गांधी केंद्र सरकार को लॉकडाउन पहले से ही कोरोना संक्रमण को लेकर आगाह करते रहे हैं। बुधवार को सुबह 10 बजे उन्होंने दुनिया के दो विशेषज्ञों से बातचीत का वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किया है। इनमें ग्लोबल हेल्थ इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर प्रो. आशीष झा और कैरोलिंस्का इंस्टिट्यूट स्वीडन के प्रो. जोहान गिसीके शामिल हैं। इस दौरान दोनों विशेषज्ञों ने बताया कि कोरोना संक्रमण के परिपेक्ष्य में भारत को किन विषयों पर ध्यान देने की जरूरत है। बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने उन्हें बताया की जानकारी के अभाव में भारतीय नागरिकों के दिलों में डर बैठ गया है।

 

 

प्रो. आशीष ने बताया कि कोविड-19 तकरीबन 12 से 18 महीनों की समस्या है। उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन हमें बस तैयार होने का समय देता है। अब भारत को टेस्टिंग, आइसोलेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए तैयार होना होगा। लॉकडाउन में लोग विभिन्न तरह के काम कर रहे हैं इसलिए आने वाले समय में दुनिया बिल्कुल अलग होगी। भारत सरकार को आत्मविश्वास के साथ आर्थिक गतिविधियों को जल्द ही शुरू करना चाहिए ताकि लोगों के दिलों से डर खत्म हो पाए। जबतक लोग डरे हुए रहेंगे कोई भी कार्य ढंग से नहीं कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि अमरीका, चीन और ऑक्सफोर्ड तीनों के पास वैक्सीन है पर उनमें किसके वैक्सीन कारगर साबित होंगे यह बताना मुश्किल है। शायद तीनों ही कारगर हों पर अगले साल तक जरूर कारगर वैक्सीन आ जाएगी। हालांकि भारत को इसके लिए पहले से तैयारियां शुरू करनी पड़ेगी क्योंकि यहां 50-60 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की जरूरत है। इस दौरान राहुल ने उन्हें बताया कि भारतीय ज्यादातर युवा हैं पर उनमें डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर, फेफड़े और हार्ट की बीमारियां हैं जिसके जवाब में प्रो. झा ने युवा जनसंख्या को फायदेमंद बताया। उन्होंने कहा कि अमरीका और यूरोपीय देशों के तुलना में युवा जनसंख्या होने के कारण भारत में कोरोना उतना भयंकर क्षति नहीं पहुंचाएगा बशर्ते बुजुर्गों और बीमार लोगों का विशेष ख्याल रखा जाए।

प्रख्यात महामारी वैज्ञानिक व कैरोलिंस्का इंस्टिट्यूट स्वीडन के प्रो. जोहान गिसीके ने कहा कि भारत को अर्थव्यवस्था और हेल्थ केयर डैमेज के बीच सामंजस्य स्थापित करना होगा। चूंकि यह एक माइल्ड बीमारी है इसलिए टेस्ट को बढ़ाकर लॉकडाउन खोलना ज्यादा असरदार है। ट्रायल के तौर पर कुछ दिनों ढील देकर देखें फिर जिन इलाकों में संक्रमण ज्यादा फैलता है उसे चिह्नित कर लॉक करें पर लॉकडाउन को सॉफ्ट रखना पड़ेगा ज्यादा सख्ती करने से फायदा नहीं बल्कि नुकसान है।

गौरतलब है कि इसके पहले कांग्रेस नेता ने लॉकडाउन के दौरान आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन व नोबल प्राइज विजेता अभिजीत बेनर्जी से भी बातचीत कर वीडियो पोस्ट किया था। राहुल दिल्ली के सड़कों पर पैदल घर जा रहे प्रवासी मजदूरों से बातचीत भी कर चुके हैं जिसके बाद उन्होंने मजदूरों को घर भिजवाने का भी प्रबंध किए थे।