आखिर क्यों ब्रिसबेन टेस्ट में इंडियन टीम के लिए खेलना चाहते हैं सहवाग, जानिए

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अब तक टीम इंडिया के 6 खिलाड़ी चोटिल होने की वजह से सीरीज से बाहर हो चुके हैं

Publish: Jan 12, 2021, 05:24 PM IST

Photo Courtesy : DNA India
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नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके वीरेंद्र सहवाग ने एक बार फिर भारतीय टीम के लिए क्रिकेट खेलने की इच्छा ज़ाहिर की है। सहवाग का कहना है कि अगर ब्रिसबेन में होने वाले आखिरी टेस्ट मैच से पहले भारतीय टीम के पास मैच में खेलने के लिए 11 खिलाड़ी न हो रहे हों तो सहवाग ऑस्ट्रेलिया जाने को तैयार हैं। 

क्वारंटाइन देख लेंगे: सहवाग 
दरअसल इस टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम के कुल 6 खिलाड़ी सीरीज से बाहर हो चुके हैं। जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शामी, उमेश यादव, केएल राहुल, रवींद्र जडेजा और हनुमा विहारी चोट के कारण इस सीरीज से बाहर हो चुके हैं। जडेजा, विहारी और बुमराह तो सिडनी टेस्ट में ही चोटिल हुए हैं। ऐसे में वीरेंद्र सहवाग ने एक ही सीरीज में आधे दर्जन खिलाड़ियों के चोटिल होने के बाद कहा है कि वे ऑस्ट्रेलिया जाना चाहते हैं। वीरेंद्र सहवाग ने ऑस्ट्रेलिया सीरीज में चोटिल होने वाले सभी खिलाड़ियों की तस्वीर साझा करते हुए कहा है, 'इतने सब प्लेयर्स injured (चोटिल) हैं, 11 न हो रहे हों तो ऑस्ट्रेलिया जाने को तैयार हूं, क्वारंटाइन देख लेंगे। 

हालांकि वीरेंद्र सहवाग 2015 में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। उन्होंने भारतीय टीम से करीबन ढाई साल तक बाहर रहने पर संन्यास ले लिया था। ऐसे में सहवाग का यह ट्वीट केवल एक तंज से ज़्यादा कुछ प्रतीत नहीं होता।

 सहवाग ने अपना आखिरी मैच हैदराबाद के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2 से 6 मार्च 2013 में खेले गए सीरीज के दूसरे टेस्ट में खेला था। इसके बाद खराब प्रदर्शन के चलते उन्हें टीम से बाहर कर दिया। उनकी जगह पर टीम में शामिल किए गए शिखर धवन ने अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतक जड़ दिया। जिसके बाद शिखर धवन और रोहित शर्मा की जोड़ी ने गंभीर और सहवाग की जोड़ी को रिप्लेस कर दिया। जब वीरेंद्र सहवाग की टीम में वापसी नहीं हुई तो उन्होंने 20 अक्टूबर 2015 को अपने 38वें जन्मदिन पर संन्यास ले लिया था। संन्यास लेने के बाद सहवाग ने खुलासा किया था कि चयनकर्ताओं ने उन्हें बिना बताए टीम से बाहर कर दिया था। सहवाग ने कहा था कि अगर चयनकर्ताओं ने संन्यास ले लेने की शर्त पर दो और मैचों में खेलने का मौका दिया होता, तो वे उसी समय संन्यास ले लेते।