छत्तीसगढ़ में मनरेगा मजदूरी बढ़ी, भूपेश सरकार ने रोज के 11 रुपए बढ़ाए, 1 अप्रैल से नई दरें लागू

छत्तीसगढ़ में मनरेगा के 16 वर्ष पूरे, राज्य सरकार ने बढ़ाई मनरेगा के तहत मिलने वाली मजदूरी, 193 के जगह मिलेंगे 204 रुपए

Updated: Mar 30, 2022, 10:57 AM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत श्रमिकों को मिलने वाली मजदूरी को बढ़ा दिया है। अगले महीने की पहली तारीख से बढ़े हुए रेट मिलेंगे।

राज्य सरकार ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि 1 अप्रैल से प्रतिदिन मिलने वाली मजदूरी की दर में बदलाव होने जा रहा है। अब श्रमिकों को प्रतिदिन 193 के जगह 204 रुपए की मजदूरी मिलेगी। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मनरेगा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्यवार प्रतिदिन मजदूरी की दर को बढ़ा दिया है। इसका राजपत्र में प्रकाशन भी कर दिया गया है।

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यह नई दर 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी होंगी। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 193 रुपए मजदूरी दर निर्धारित थी। इसमें 11 रूपए की बढ़ोतरी की गई है। बता दें कि 2 फरवरी 2022 को रोजगार की गारंटी देने वाला मनरेगा के 16 साल पूरे हो गए।

तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने 2 फरवरी 2006 को आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले से मनरेगा यानि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) की शुरूआत की थी। छत्तीसगढ़ में मनरेगा की शुरुआत 2 फरवरी 2006 को राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव विकासखण्ड के अर्जुनी ग्राम पंचायत से हुई थी। राज्य सरकार के मुताबिक साल 2021-22 में अब तक दस महीनों में (अप्रैल-2021 से जनवरी-2022 तक) 26 लाख 28 हजार परिवारों के 49 लाख 28 हजार श्रमिकों को मनरेगा के तहत रोजगार दिया गया है।