99999 रूपये किलो बिकने वाली चाय है खास, मनोहारी गोल्ड टी लगातार 3 साल से बना रही है रिकॉर्ड

मनोहारी गोल्ड टी चाय की एक दुर्लभ प्रजाति है, इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, यह गोल्डन येलो कलर की होती है, चाय की कलियों के साथ पत्तियों को सूरज निकलने के पहले तोड़ा जाता है

Updated: Dec 15, 2021, 09:40 AM IST

Photo Courtesy: twitter
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गुवाहाटी। चाय के बिना लोगों के दिन की शुरुआत नहीं होती। देश-दुनिया का शायद ही कोई कोना होगा जहां चाय नहीं मिलती होगी। चाय की चुस्कियों के साथ लोग अपने दिन की शुरुआत करते हैं। साधारण सी दिखने वाली चाय लाखों में भी बिक सकती है। असम के डिब्रूगढ़ जिले में एक लाख रुपए किलो प्रति किलो की दर से चाय की नीलामी हुई। इस चाय के लिए 99 लाख 999 हजार रुपए रुपये प्रति किलो की बोली लगाई। 

पिछले साल यह चाय 75 हजार रुपए प्रति किलो में बिकी थी। अब इसने अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। असम में पैदा होने वाली मनोहरी गोल्ड चाय की एक दुर्लभ किस्म है। गुवाहाटी चाय नीलामी केंद्र GTS के सचिव ने आधिकारिक तौर पर बताया है कि मनोहरी चाय बागान ने अपनी मनोहारी गोल्ड किस्म की चाय को 99,999 रुपये में सौरभ चाय ट्रेडर्स को बेचा है। मनोहारी गोल्ड टी चमकीले पीले रंग की चाय होती है। जिसका स्वाद बेहद अच्छा होता है। यह सेहत के लिए भी अच्छी मानी जाती है।

मनोहारी गोल्ड टी देश में अब तक की सबसे ज्यादा महंगी बिकने और खरीदी जाने वाली चाय बन गई है। मनोहरी टी एस्टेट के मालिक की मानें तो इस तरह की प्रीमियम क्वालिटी वाली स्पेशल चाय का उत्पादन डिमांड के आधार पर होता है। इसे खासतौर पर इसकी डिमांड के आधार पर तैयार किया जाता है। खास मनोहर गोल्‍ड टी का उत्पादन करीब 30 एकड़ के क्षेत्र में होता है।

इस खास किस्‍म की चाय का इसका स्‍वाद अनोखा होता है। इसकी खास सुगंध लोगों को आकर्षित करती है। इसचाय को खास देखभाल की जरूरत होती है। मनोहारी गोल्ड टी में कई तरह के एंटीऑक्‍सीडेंट्स  और एंटीएजिंग कंपाउंड होते हैं। इसमें पाया जाने वाला बायोएक्टिव कम्‍पाउंड्स बुढ़ापा और मोटापा कंट्रोल करने में मददगार है। इस खास पत्ती को सूर्योदय से पहले तोड़ा जाता है। ताकि सूरज की किरणें चाय पर ना पड़ें। यह हल्के मटमैले रंग की होती है। जो कि कलियों के साथ तोड़ी जाती है। फर्मेंटेशन की प्रोसेस के बाद यह ब्राउन हो जाती है, सुखाने के बाद गोल्डन कलर की दिखाई देती हैं। यह चाय हर साल रिकॉर्ड बनाती है. 2017 में यह 18801 रुपये और 2018 में यह 39001 रुपये प्रति किलो में नीलाम हुई थी. वहीं, 2019 में 50,000 रुपये और 2020 में 75,000 रुपये किलो बिकी थी. डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट कहती है, पिछले कुछ सालों में बाढ़, लॉकडाउन, मानसून का सीधा असर असम की चायपत्‍ती की फसल पर हुआ है, जिससे चाय कारोबार जूझ रहा है।

देशी-विदेशी खरीदार भारत की इस स्पेशल चाय को काफी पसंद करते हैं। लाख रुपए किलो बिकी यह चाय असम टी इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद मानी जा रही है। दरअसल असम का चाय उद्योग इनदिनों कड़ी चुनौतियों का समाना कर रहा है। असम दुनिया में सबसे ज्यादा चाय उत्पादन के लिए फेमस है। देश का करीब 52 प्रतिशत चाय उत्पादन असम में होता है। यहां सालाना 650 मिलियन किलो से ज्यादा चाय की पैदावार होती है। 

मनोहारी गोल्ड एक बहुत ही खास चाय है। जिसे बनाने वाली कंपनी अलग है। CTC चाय के अलावा इनदिनों सफेद चाय, हरी चाय, पीली चाय भी चलन में है। इसलिए ऐसी चाय का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इससे चाय उत्पादकों और छोटे किसानों को भी लाभ होगा।