नए साल से पहले आम आदमी को झटका, RBI ने फिर बढ़ाया रेपो रेट, बढ़ जाएगी आपकी EMI

RBI ने इस साल पांच बार रेपो रेट में बढ़ोत्तरी की है, अब रेपो रेट 5.90 से बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दिया गया है।

Updated: Dec 07, 2022, 06:19 AM IST

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तीन द‍िन से चल रही मौद्र‍िक समीक्षा नीत‍ि की बैठक बुधवार को खत्‍म हो गई। रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए रेपो रेट में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने की घोषणा की है। इस तरह रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह लगातार पांचवीं बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में वृद्धि की है। इस फैसले के बाद आम लोगों के जेब पर बोझ बढ़ना तय है। 

बुधवार हुई बढ़ोतरी के मिलाकर केंद्रीय बैंक ने मई के बाद से रेपो रेट में अब तक पांच बार इजाफा कर चुका है। इस वजह से रेपो रेट अब 6.25 फीसदी पर पहुंच गया है। इससे पहले यह 5.90 पर था। इससे पहले सितंबर में 50 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की गई थी और 5.40 फीसदी से बढ़ाकर रेपो रेट 5.90 फीसदी कर दिया गया था। इस साल केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कुल 2.25 फीसदी का इजाफा किया है। गवर्नर शक्तिकांत दास का तर्क है कि महंगाई को कम करने के लिए रेपो रेट को बढ़ाया जा रहा है।

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रेपो रेट में बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि अगले चार महीनों में महंगाई दर चार प्रतिशत से ऊपर बने रहने की संभावना है। आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2023 में जीडीपी ग्रोथ 6.8% रह सकता है। रेपो रेट बढ़ने का सीधा असर बैंकों की तरफ से ग्राहकों को द‍िये जाने वाले लोन पर पड़ेगा। इससे कॉस्ट ऑफ बोरोइंग यानी उधारी की लागत बढ़ जाएगा। बैंकों को पैसा महंगा म‍िलेगा तो लोन की ब्‍याज दर में भी बढ़ोतरी होगी। बैंक इसका असर ग्राहकों पर डालेंगे।

क्या है रेपो रेट

जिस तरह बैंक हमें लोन देते हैं और उस लोन पर हमें ब्याज देना पड़ता है। ठीक वैसे ही बैंकों को भी अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए भारी-भरकम रकम की जरूरत पड़ जाती है। वे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से अरबों रुपए कर्ज लेते हैं। इस लोन पर रिजर्व बैंक जिस दर से उनसे ब्याज वसूल करता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। आज हुई बढ़ोतरी के बाद बैंकों से केंद्रीय बैंक 6.25 फीसदी सालाना ब्याज लेगी। 

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रेपो रेट बढ़ने का अर्थ है कि आपकी ईएमआई इसके चलते काफी बढ़ने वाली है। साथ ही होम लोन लेना भी महंगा पड़ेगा। रेपो रेट में लगातार वृद्धि अर्थव्यवस्था में कमजोरी के संकेत हैं। लगातार गर्त में जा रहे रुपए ने आम लोगों के जेब पर बोझ बढ़ा ही रखा था। अब ईएमआई का बोझ लोगों का बजट बिगाड़ने वाला है।