COP26 में क्लाइमेट एक्शन एजेंडा पेश करेंगे पीएम मोदी, ग्लास्गो में जुटे दुनियाभर के नेता

इटली से स्कॉटलैंड के ग्लास्गो पहुंचे पीएम मोदी, COP26 बैठक में जलवायु परिवर्तन का हल निकालने के लिए भारत का एजेंडा करेंगे पेश, मोदी के बाद इमरान खान का भाषण होगा

Updated: Nov 01, 2021, 11:38 AM IST

Photo Courtesy : Twitter
Photo Courtesy : Twitter

ग्लास्गो। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन दिवसीय इटली के दौरे के बाद अब स्कॉटलैंड के ग्लास्गो पहुंच गए हैं। यहां वे COP26 समिट में शामिल होंगे। पीएम मोदी इस समिट में जलवायु एक्शन को लेकर भारत का एजेंडा पेश करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां पीएम मोदी और ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन की द्विपक्षीय बातचीत भी होगी। 

ग्लास्गो पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने अपनी तस्वीरें ट्वीट कर कहा है कि मैं वैश्विक नेताओं के साथ काम करने को इच्छुक हूं। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'ग्लासगो में लैंड किया हूं। COP26 में हिस्सा लूंगा, जहां मैं जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक नेताओं के साथ काम करने को इच्छुक हूं। इस दिशा में भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों को बताऊंगा।' 

यह भी पढ़ें: कोरोना की उत्पत्ति पर चीन का नया झूठ, ब्राजील के बीफ और सऊदी झींगों को बताया जिम्मेदार

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री यहां जलवायु संबंधित भारत सरकार की उपलब्धियों का बखान करेंगे। पीएम मोदी यहां क्या भाषण देते हैं इसपर देश की निगाहें टिकी हुई है। खास बात यह है कि पीएम मोदी के भाषण के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान समिट को संबोधित करेंगे। जानकारी के मुताबिक ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन से पीएम मोदी की संक्षिप्त बातचीत होगी।

ब्रिटेन में पदस्थ भारतीय हाई कमिश्नर गायत्री कुमार के मुताबिक यह एक द्विपक्षीय ईवेंट होगा। इस दौरान दोनों देश के प्रधानमंत्री इस साल मई में बनाए गए 2030 के रोडमैप में हुई प्रगति को लेकर चर्चा करेंगे। कुमार के मुताबिक इस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर (CDRI) और इंटरननेशनल सोलर अलायंस (ISA) के तहत दो नए प्रोजेक्ट भी लॉन्च करेंगे।

यह भी पढ़ें: जल्द आएगी निडिल फ्री कोविड 19 वैक्सीन, पैच दिलाएगा सुई से होने वाले दर्द से मुक्ति

बता दें कि COP दुनियाभर की सरकारों द्वारा जलवायु परिवर्तन का समय रहते हल निकालने के लिए बनाया गया था। जलवायु के मुद्दे पर दुनिया के देश इस फ़ोरम पर हर साल चर्चा करते हैं। लेकिन ये 200 देशों के बीच सहमति पर आधारित होता है, ऐसे में प्रत्येक देश का अपना अलग नज़रिया होने के कारण अड़चनें भी आती है। COP के लिए भारत अहम देश है क्योंकि यहां जलवायु परिवर्तन का खासा असर देखने को मिल रहा है।