कोरोना की उत्पत्ति पर चीन का नया झूठ, ब्राजील के बीफ और सऊदी झींगों को बताया जिम्मेदार

चीनी मीडिया यह साबित करने में लगी है कि ब्राजील का बीफ, सऊदी अरब का झींगा और अमेरिका का पोर्क कोरोना वायरस के मुख्य कारण हैं

Updated: Oct 31, 2021, 06:09 AM IST

Photo Courtesy: BBC
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बीजिंग। कोरोना की उत्पत्ति को लेकर चीन दुनियाभर में संदेह की दृष्टि से देखा जाता है। चीन अब अपनी बदनामी को कम करने के लिए एक नई थ्योरी को बढ़ावा दे रहा है। चीन कोरोना की उत्पत्ति का ठीकरा सऊदी अरब के झींगे, ब्राजील के बीफ और अमेरिका के पोर्क फोड़ने का प्रयास कर रहा है। चीनी मीडिया इस थ्योरी को हवा देने के लिए लगातार खबरें छाप रही है।

पॉलिसी रिसर्च ग्रुप (POREG) नाम के ग्लोबल थिंक टैंक के लिए दुष्प्रचार संबंधी शोध करने वाले माइकल श्लीब्स ने चीनी एजेंडा फैलाने वाले अकाउंट्स पर शोध किया जिसमें यह जानकारी मिली है। उन्होंने पाया कि चीनी एजेंडा को प्रोमोट करने वाले सोशल मीडिया अकाइंट्स नए नैरेटिव को बढ़ावा दे रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस के उत्पत्ति की असली वजह आयातित कोल्ड मीट है। 

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चीनी सरकार की मीडिया यह नैरेटिव बनाने में जुटी हुई है कि ब्राजील के बीफ, सऊदी अरब का झींगा और अमेरिका के सूअर का मांस कोरोना वायरस फैलने का मुख्य कारण है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन का सबसे नया दावा ये है कि कोरोना वायरस के प्रसार के पीछे अमेरिका के मेन से आया लॉबस्टर (एक तरह का सी फ़ूड) ही कारण है।

ग्लोबल थिंक टैंक ने बताया कि माइकल श्लीब्स ने करीब डेढ़ वर्षों तक चीन समर्थक खातों का अध्ययन किया। इसमें पता चला कि कोलकाता स्थित कांसुलेट में पोस्टेड एक चीनी राजदूत ने सबसे पहले लॉबस्टर या पोर्क वाली थियोरी को शेयर करना शुरू किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, झा लियोऊ ने नवंबर 2019 में ही यह थियोरी पोस्ट की थी जो अब जाकर तेजी से फैल रही है। अमेरिकी लॉबस्टर सप्लायर और मेन स्थित सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ने इन चीनी दावों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है बावजूद चीनी मीडिया पर इसका कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा।

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रिपोर्ट के मुताबिक वुहान स्थित मीट मार्केट को कोरोना का एपिसेंटर साबित करने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय शोध हुए। हालांकि, उनका कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला। ऐसे में इस थ्योरी को काउंटर करने के लिए चीन कोल्ड इम्पोर्टेड मीट की थ्योरी को बढ़ावा देना चाहता है। बता दें कि कोरोना के शुरुआती दौर से ही चीन पर गलत जानकारी देने के आरोप लगते रहे हैं। जनवरी 2021 में WHO की टीम चीन पहुंची थी लेकिन वायरस की उत्पत्ति को लेकर कोई ठोस निष्कर्ष नहीं मिल सका। 

दुनियाभर के अन्य जांचकर्ता चीन जाकर कोरोना की उत्पत्ति को लेकर स्वतंत्र पड़ताल करना चाहते हैं लेकिन चीनी सरकार को यह मंजूर नहीं है। ऐसे में उसकी भूमिका और संदिग्ध हो जाती है। बताया जाता है कि WHO की टीम को भी सहयोग करने के बजाए चीन लगातार जांच में व्यवधान उतपन्न कर रहा था। अमेरिकी खूफिया रिपोर्ट में भी यह दावा है कि चीन ने कोरोना वायरस को लेकर वैश्विक समुदाय से कई दिनों तक जानकारियां छिपाई।