जब ट्रंप ने कर ली ईरान पर हमले की तैयारी

अमेरिका के उप-राष्ट्रपति, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, सेनाध्यक्ष सबने समझाया कि ईरान पर हमला किया तो बड़ी जंग छिड़ सकती है

Updated: Nov 18, 2020, 04:45 PM IST

Photo Courtesy: The Guardian
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वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया होता, अगर उनके करीबी सहयोगी उन्हें ऐसा करने से रोक नहीं लेते। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक ट्रंप ने ईरान पर मिसाइल या एयर अटैक करने का मन बना लिया था, लेकिन उनके सबसे वरिष्ठ सलाहकारों ने किसी तरह समझा-बुझाकर उन्हें ऐसा करने से रोक लिया। यह खुलासा न्यू यॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में हुआ है। 

रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमले की योजना बनाने के लिए पिछले हफ्ते अपने वरिष्ठ सहयोगियों की बैठक भी बुला ली थी। व्हाइट हाउस में हुई इस बेहद उच्च स्तरीय बैठक में उपराष्ट्रपति माइक पेंस, विदेश मंत्री माइक पोम्पियो, रक्षामंत्री क्रिस्टोफर मिलर और चीफ ऑफ ज्वाइंट स्टाफ जनरल मार्क मिल मौजूद थे। बैठक में ट्रंप से उनके सभी सहयोगियों ने यही कहा कि ईरान पर हमला करने से लंबी जंग छिड़ सकती है। सभी सहयोगियों की एक जैसी राय को देखते हुए ट्रंप ने ईरान पर हमला करने के इरादे से अपने कदम पीछे हटा लिए।

दरअसल अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा परमाणु एजेंसी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को यह जानकारी दी थी कि ईरान ने भारी मात्रा में परमाणु सामग्री इकट्ठा कर ली है। एजेंसी का अनुमान है कि 2015 में ओबामा के कार्यकाल में हुए अमेरिका-ईरान परमाणु समझौते में जितनी छूट दी गई थी, उससे 12 गुना ज़्यादा परमाणु सामग्री अभी ईरान के पास है। ट्रंप ने 2018 में ही ईरान के साथ हुए इस परमाणु समझौते से अलग होने का एलान कर दिया था। 

गौरतलब है कि ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका और ईरान के रिश्ते और भी तनावपूर्ण बने हैं। खासतौर पर ईरान के एक बड़े नेता और फौजी अफसर जरनल कासिम सुलेमानी को अमेरिकी हमले में मारे जाने के बाद से आपसी रिश्ते बेहद खराब हो चुके हैं। इस हमले के बाद ईरान में अमेरिका के खिलाफ काफी गुस्सा देखा गया था और उससे बदला लेने की मांग उठ रही थी। इन हालात में अगर अमेरिका की तरफ से एक और हमला होता तो उसके एक बड़े युद्ध में बदल जाने की पूरी आशंका थी। ईरान ने ट्रंप के इन इरादों की खबर सामने आने के बाद धमकी वाले अंदाज़ में कहा भी है कि अगर अमेरिका ने ऐसा कुछ भी किया तो उसे तबाही मचाने वाले पलटवार के लिए तैयार रहना होगा।