Donald Trump के खिलाफ वारंट इंटरपोल से मांगी मदद
ईरान ने जनवरी में अमेरिका द्वारा ड्रोन स्ट्राइक से जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के मामले में यह वारंट जारी किया

जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या मामले में ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है और इंटरपोल से ट्रंप की गिरफ्तारी के लिए मदद करने के लिए कहा है। ईरान के ‘रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स’ के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी को जनवरी में अमेरिका ने ड्रोन स्ट्राइक में बगदाद अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास मार दिया था। ईरान की अपील पर अभी इंटरपोल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इंटरपोल ट्रंप को गिरफ्तार करने में ईरान की मदद नहीं कर सकता है क्योंकि संस्था के दिशानिर्देश इसे किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देते हैं।
इससे पहले ईरान की अर्द्धसरकारी न्यूज एजेंसी इन्सा ने बताया कि ईरान के अभियोक्ता अली अलकसीमेहर के अनुसार तीन जनवरी को जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के मामले में ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ तीस से अधिक लोगों को जिम्मेदारा ठहराया है। अलकसीमेहर के अनुसार आरोपियो पर हत्या और आतंकवाद के आरोप हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ट्रंप के राष्ट्रपति ना रहने पर भी ईरान उनके खिलाफ मुकदमा चलाएगा।
BREAKING: Iran issues arrest warrant for Trump and asks Interpol to help over killing of top general Qassem Soleimani https://t.co/65XzIoPwij pic.twitter.com/f316DDP46Q
— Al Jazeera English (@AJEnglish) June 29, 2020
जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद ट्रंप ने व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कासिम को अमेरिका के लिए सबसे बड़ा आतंकवादी बताते हुए इस्लामिक चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की बात कही। ट्रंप ने यह भी कहा कि कासिम सुलेमानी अमेरिका में हुए कई आतंकी हमलों के पीछे था और वे ईरान के साथ कोई युद्ध नहीं चाहते हैं। वहीं ईरान ने कासिम सुलेमानी को क्रांतिकारी सैन्य कमांडर बताते हुए उनकी मौत का बदला लेने की बात कही। कासिम सुलेमानी की अंतिम यात्रा में लाखों ईरानी शामिल हुए।
बताया जा रहा है कि ईरान ने इंटरपोल से ट्रंप और दूसरे आरोपियों के खिलाफ ‘रेड नोटिस’ जारी करने की भी मांग की है। यह नोटिस इंटरपोल द्वारा जारी किया गया सबसे उच्च स्तर का नोटिस होता है। इस नोटिस के तहत आरोपियों की लोकेशन से लेकर उनकी गिरफ्तारी तक की मांग की जाती है।
इंटरपोल के रेड नोटिस के तहत स्थानीय प्रशासन मांग करने वाले देश के नाम पर आरोपी को गिरफ्तार करता है। यह नोटिस देशों को आरोपी को गिरफ्तार करने और उसका प्रत्यर्पण करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता लेकिन सरकारों पर आरोपी के इधर से उधर जाने पर रोक लगाने का दबाव डाल सकता है। जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या तब हुई थी, जब ईरान और अमेरिका के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा था। जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान ने इराक स्थिति अमेरिकी सैन्य अड्डों पर मिसाइल से हमला किया था।
ईरान और अमेरका के बीच संबंधों में तब सुधार हुआ था जब 2015 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान के साथ न्यूक्लियर डील की थी। इस डील के तहत अमेरिका ने ईरान के ऊपर लगे आर्थिक प्रतिबंध हटा दिए थे और बदले में ईरान ने अपना संवर्धित यूरेनियम का भंडार तय सीमा से आगे नही बढ़ाया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने 2018 में इस डील को खत्म करने की घोषणा की। इसके बाद ईरान ने अपना संवर्धिक यूरेनियम भंडार तय सीमा से आगे बढ़ा लिया। इस बीच ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने 2015 की न्यूक्लियर डील को बचाने का प्रयास किया लेकिन अंतत: राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे खत्म कर दिया। बाद में अमेरिका और ईरान के बीच लगातार बिगड़ते रिश्तों के बीच अमेरिका, ईरान पर प्रतिबंध बढ़ाता गया। कोरोना वायरस संकट के दौरान इस प्रतिबंधों को हटाने की मांग कई वैश्विक संस्थाओं ने उठाई।
बहरहाल, इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रहे विशेषज्ञों का कहना है कि इंटरपोल तो ईरान की कोई मदद नहीं कर सकता है लेकिन इस वारंट से ट्रंप के चुनावी कैंपेन को जरूर मदद मिलेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस संकट के दौरान अमेरिका की जो बुरी हालत हुई है उससे ट्रंप की लोकप्रियता में कमी आई है और विभिन्न पोल्स में डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन के मुकाबले उनकी रेटिंग्स लगातार गिर रही है। ऐसे में ईरान का यह कदम ट्रंप के चुनावी प्रचार को उग्र राष्ट्रवाद और इस्लामिक चरपंथ की आड़ में मुस्लिम विरोध के मुद्दे दे सकता है।