एस्ट्राजेनेका के टीके पर आयरलैंड, नीदरलैंड्स में भी रोक, कंपनी ने बताया सुरक्षित

एस्ट्राजेनेका का दावा, वैक्सीन के ट्रायल में खून के थक्के जमने की शिकायत नहीं मिली, भारत में ऑक्सफ़ोर्ड एस्ट्राजेनेका की सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित वैक्सीन इस्तेमाल हो रही है, जिसे सरकार ने सुरक्षित बताया है

Updated: Mar 15, 2021, 08:15 AM IST

Photo Courtesy: NBC News
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एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। इसके टीके पर आयरलैंड और नीदरलैंड्स ने भी अस्थाई रोक लगाने का फैसला किया है। दरअसल यहां कोरोना से सुरक्षा के लिए एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लगाई गई थी। जिसके बाद टीका लगवाने वाले चार लोगों में ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत सामने आई थी। रविवार को एहतियात के तौर पर आयरलैंड में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर रोक लगा दी गई। फिलहाल इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि लोगों में खून जमने की शिकायत टीका लगने की वजह से ही आई है।

नीदरलैंड्स सरकार का कहना है कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर यह रोक 29 मार्च तक रहेगी। नीदरलैंड्स में कुल कोरोना मरीजों की संख्या 1,157,192 है, जबकि 16,069 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। वहीं आयरलैंड में कोरोना संक्रमण के कुल मामलों आंकड़ा 2,26,741 है और अब तक 4,534 लोगों की मौत हो चुकी है।

इससे पहले भी एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन लगाए जाने के बाद खून के थक्के जमने की शिकायतों के चलते 10 से ज्यादा देश इसके इस्तेमाल पर रोक लगा चुके हैं। इन देशों में इटली, बुल्गारिया, डेनमार्क, एस्टोनिया, ऑस्ट्रिया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, लातविया, रोमानिया नॉर्वे और आइसलैंड शामिल हैं। ब्लड क्लॉटिंग की शिकायतों के बाद एहतियात के तौर पर इसके टीके के उपयोग पर रोक लगा दी गई है।

भारत में एस्ट्राजेनेका के टीके को कोविशील्ड नाम से सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाया जा रहा है। यह वैक्सीन देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण के लिए इस्तेमाल की जा रही है। लेकिन इस वैक्सीन को लगाने के बाद भारत में वैसे साइड इफेक्ट की जानकारी अब तक सामने नहीं आई है, जिसकी शिकायत इस पर रोक लगाने वाले देशों में की जा रही है। 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत में कोरोना वैक्सीन की वजह से साइडइ इफेक्ट्स के मामले ज्यादा नहीं आए हैं। इस बारे में कोरोना को लेकर बने नेशनल टास्क फोर्स के मेंबर एन. के. अरोड़ा का कहना है कि वैक्सीन के साइडइफेक्ट्स के मामलों को बारीकी से मॉनीटर किया जा रहा है। खास तौर पर जिन मामलों में वैक्सीनेशन के बाद किसी को हास्पिटल में एडमिट कराने की नौबत आई हो। उनका दावा है कि फिलहाल इस मामले में फिक्र की कोई बात नहीं है, क्योंकि यहां वैक्सीन के साइडइफेक्ट्स के मामले बहुत ही कम हैं। जो केस आए भी हैं उनमें ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत नहीं हैं। भारत में दो कोरोना टीके लगाए जा रहे हैं। इनमें से एक वैक्सीन भारत बायोटेक की कोवैक्सीन है। जबकि दूसरी एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड है। भारत में अब तक करीब दो करोड़ 99 लाख आठ हजार से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है। 

एस्ट्राजेनेका कंपनी का कहना है कि यह वैक्सीन सुरक्षित है। ट्रायल के दौरान इसकी सुरक्षा और असर को लेकर गहरी स्टडी की गई है। एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर कई देशों में रोक लगने पर कंपनी ने सफाई दी है कि उन्होंने टीका लगवा चुके करीब 1.7 करोड़ लोगों के आंकड़ों की समीक्षा की है। किसी में भी इसके टीके की वजह से खून के थक्के जमने का कोई प्रमाण नहीं मिला है। एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन के लोगों का डेटा रिव्यू करने दावा किया है।

इस मामले में ब्रिटेन में मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी की ओर से कहा गया है कि एस्ट्राजेनेका के टीके की वजह से खून जमने की पुष्टि नहीं हुई है। इसलिए वैक्सीनेशन जारी रखना चाहिए, इसे रोकना नहीं चाहिए। विश्व में कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए वैक्सीन और कोरोना सुरक्षा की गाइडलाइन का पालन करने से ही लोगों को सुरक्षित रखा जा सकता है। भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या करीब 11,385,339 है। जिनमें 17,824 नए केस पिछले 24 घंटों में सामने आए हैं। अब तक कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 1,58,762  हो गया है। जबकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 11,005,445 है।

दुनिया भर में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा अब तक 12 करोड़ से ज्यादा हो चुका है। बीते 24 घंटों में 3.59 लाख नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं। कुल 26 लाख 64 हजार से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हो चुकी है। कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या 2 करोड़ 7 लाख से ज्यादा है। अब तक 9 करोड़ 69 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित ठीक हो चुके हैं।