ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश के बीच सीमा का हाल स्थिर

यह प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब भारतीय सेना के शीर्ष कमांडर इस मुद्दे को लेकर बैठक कर रहे हैं।

Publish: May 28, 2020, 06:02 AM IST

courtesy : thehindu
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पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे दोनों देशों के बीच जारी सीमा विवाद पर मध्यस्थता कराने के लिए तैयार हैं। ट्रंप का बयान ऐसे समय पर आया है जब इस मुद्दे को लेकर भारतीय थल सेना अध्यक्ष के नेतृत्व में शीर्ष सैन्य कमांडरों का तीन दिवसीय सम्मेलन चल रहा है। वहीं भारत में चीन के राजदूत ने कहा है कि दोनों देशों को अपने मतभेदों को संवाद के जरिए सुलझाना चाहिए।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “हमने भारत और चीन को बताया है कि अमेरिका दोनों देशों के बीच जारी सीमा विवाद पर मध्यस्थता कराने के लिए ना केवल तैयार है और इच्छा रखता है बल्कि वह ऐसा करने में पूरी तरह से सक्षम भी है।”

ट्रंप के बयान से पहले चीन ने कहा कि भारत के साथ सीमा पर हालात ‘‘पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण-योग्य हैं’’ तथा दोनों देशों के पास बातचीत और विचार-विमर्श करके मुद्दों को हल करने के लिए उचित तंत्र और संचार माध्यम हैं।” हालांकि इससे पहले चीन के राष्ट्रपति ने अपनी सेनाओं से युद्ध के लिए तैयार रहने के लिए कहा था।

भारत में चीन के राजदूत सन वाइडोंग ने बयान जारी करते हुए कहा, “भारत और चीन दोनों ही कोविड 19 से लड़ रहे हैं और हमारे पास यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है हम अपने रिश्तों को मजबूत बनाएं। हमारे युवाओं को यह महसूस होना चाहिए कि दोनों देश एक दूसरे के लिए खतरा नहीं बल्कि अवसर पैदा करते हैं। हमें अपने मतभेदों को अपने रिश्तों पर भारी नहीं पड़ने देना चाहिए और संवाद के जरिए हल निकालना चाहिए।”

Clickचीन सीमा पर तनाव के बीच भारत के शीर्ष सैन्य कमांडरों की बैठक शुरू

इससे पहले भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में स्थिति तब बिगड़ी जब करीब 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच पांच मई को हिंसक झड़प हुई। स्थानीय कमांडरों के स्तर पर बैठक के बाद दोनों पक्ष अलग हुए। इसके बाद नौ मई को उत्तरी सिक्किम में भी इसी तरह की घटना हुई थी।

पूर्वी लद्दाख में गतिरोध पर भारत ने पिछले हफ्ते कहा कि उसने हमेशा सीमा प्रबंधन के प्रति जिम्मेदारी भरा रुख अपनाया है लेकिन चीनी सेना उसके सैनिकों को सामान्य गश्त के दौरान बाधा डाल रही है। समझा जाता है कि भारत और चीन दोनों बातचीत के जरिए इस मुद्दे का हल तलाश रहे हैं।