MP में विपक्ष की सहमति के बगैर लोकायुक्त की नियुक्ति, नेता प्रतिपक्ष ने बताया असंवैधानिक

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस नियुक्ति को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति में नेता प्रतिपक्ष का परामर्श नहीं लिया गया है।

Updated: Mar 11, 2024, 12:22 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया है कि राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति असंवैधानिक तरीके से की गई है। उन्होंने कि इस नियुक्ति में शुरू से ही नेता प्रतिपक्ष की स्वीकृति नहीं ली गई। उन्होंने सीएम मोहन यादव को पत्र भी लिखा है और मांग की है कि इस नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से रोका जाए।

दरअसल, न्यायमूर्ति सत्येन्द्र कुमार सिंह को मध्य प्रदेश का नया लोकायुक्त नियुक्त किया गया है। मध्य प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने शनिवार रात इस संबंध में एक आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया है कि न्यायमूर्ति सिंह को मध्य प्रदेश लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1981 के तहत लोकायुक्त नियुक्त किया गया है। न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह को राज्यपाल ने पद और गोपनीयता की शपथ भी दिला दी। लेकिन अब उनकी नियुक्ति विवादों में घिर गई है।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने लोकायुक्त की नियुक्ति के संबंध में एक पत्र लिखकर मोहन सरकार पर आरोप लगाया कि नए लोकायुक्त की नियुक्ति में उनसे सहमति नहीं ली गई। उमंग सिंघार ने नियुक्ति को असंवैधानिक बता दिया। उन्होंने कहा कि सरकार, नेता प्रतिपक्ष या विपक्ष से सहमति लेकर इस पर निर्णय ले। 

उमंग सिंघार ने कहा कि लोकायुक्त, उप लोकायुक्त अधिनियम की धारा 3 (1) के अनुसार राज्यपाल को लोकायुक्त की नियुक्ति हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और नेता प्रतिपक्ष से परामर्श लेकर करना चाहिए। पैनल के अंदर मुझसे सहमति लेनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। ये तानाशाही वाला कदम है।

उमंग सिंघार ने कहा, 'लोकायुक्त के पद पर ऐसे व्यक्ति को बैठाना चाहिए जो विपक्ष और जनता की आवाज को सरकार के सामने रखे। प्रशासन और सरकार के बीच का एक पुल होता है, जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगती है। उन्होंने कहा कि तत्काल लोकायुक्त की नियुक्ति समारोह को रोका जाए और नियुक्ति की संवैधानिक प्रक्रिया अपनाई जाए।