पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज हो हत्या का प्रकरण, खरगोन मामले में DGP से मिले अरुण यादव

चोरी के शक में आदिवासी युवक को पीट-पीटकर मार डालने का मामला, कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने की DGP से मुलाकात, उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर जांच की मांग

Updated: Sep 08, 2021, 10:47 AM IST

Photo Courtesy : Twitter
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भोपाल। खरगोन में पुलिस हिरासत में थर्ड डिग्री टॉर्चर के कारण आदिवासी युवक की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस भी उस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए शिवराज सरकार की जमकर आलोचना कर रही है। उधर कांग्रेस की एक प्रतिनिधिमंडल ने राजधानी भोपाल में पुलिस महानिदेशक से मुलकात की है। कांग्रेस ने कहा है कि इस प्रकरण में पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया जाए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री व दिग्गज कांग्रेस नेता अरुण यादव के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने डीजीपी विवेक जौहरी को ज्ञापन सौंपा है। कांग्रेस ने इसमें मुख्य रूप से तीन मांगें रखी है। कांग्रेस ने कहा है की इस प्रकरण की जांच कमेटी गठित कर उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। साथ ही पुलिस परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए। इसके अलावा दोषी पुलिसकर्मियों को सिर्फ निलंबित ही नहीं उनपर हत्या का भी प्रकरण दर्ज किया जाए। इससे पहले अरुण यादव ने मध्य प्रदेश पुलिस की तुलना क्रूर तालिबानी आतंकियों से की थी।

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दरअसल, पिछले हफ्ते खरगोन जिले की बिस्टान पुलिस ने चोरी-डकैती के शक में 12 लोगों को गांव से उठा लिया था। इन 12 लोगों में 35 वर्षीय बिसेन नाम का आदिवासी युवक भी शामिल था। सोमवार देर रात उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों के मुताबिक पुलिस द्वारा चार लोगों की बुरी तरह पिटाई की गई जिससे वे अधमरा हो गए। मामला बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जिसमें बिसेन की मौत हो गई।

ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने 48 घंटों तक लगातार उसकी बेरहमी से पिटाई की, जिसके बाद उसने दम तोड़ दिया। हालांकि, शुरुआत में पुलिस इसे सामान्य मौत करार देते हुए आरोपों को खारिज करती रही। लेकिन पोस्टमार्टम के दौरान बिसेन के साथ हुई थर्ड डिग्री टॉर्चर की दिल दहलाने वाली तस्वीरों ने सबकुछ बयां कर दिया। मामला बढ़ने के बाद कुछ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। 

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ग्रामीणों का यह भी कहना है कि बिसेन चोरी-डकैती जैसी घटनाओं में शामिल रहने वाला युवक नहीं था, बल्कि व बेहद सीधा इंसान था। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस बेवजह आदिवासियों को परेशान करने के लिए गांव से 12 लोगों को उठा ले गयी है। बिसेन की मौत की घटना के बाद मंगलवार को पुलिस को ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। गांव वालों ने थाने में घुसकर खुबा हंगामा किया।