निवेश-नौटंकी शुरू करने से पहले श्वेतपत्र लाए सरकार, जीतू पटवारी ने इन्वेस्टर समिट पर उठाए सवाल

सीएम शिवराज पर बरसे पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, बोले- रिटायरमेंट टूरिज्म के नाम पर विदेश भ्रमण करेंगे, सस्ती लोकप्रियता के लिए प्रदेश को गुमराह कर रहे हैं मुख्यमंत्री, करोड़ों का निवेश के बाद भी बड़ा क्यों नहीं हो पाया विकास नाम का अबोध बालक

Updated: Apr 28, 2022, 11:30 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में अगले साल जनवरी में इन्वेस्टर समिट होने वाला है। इससे पूर्व ही प्रदेश की राजनीति गर्म हो गई है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने इसे नौटंकी करार देते हुए सीएम शिवराज से श्वेतपत्र लाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि करोड़ों का निवेश होने के बाद भी बड़ा "विकास" नाम का अबोध बालक बड़ा क्यों नहीं हो पाया है। 

कांग्रेस विधायक ने सीएम चौहान को पत्र लिखकर कहा कि, 'इन्वेस्टर समिट के नाम पर झूठी लोकप्रियता अर्जित करना और जनता का पैसा बर्बाद करना, भाजपा का फ्लॉप आइडिया है। “निवेश-नौटंकी” शुरू करने से पहले, भाजपा सरकार को पुराना “हवाई निवेश” का हिसाब देना चाहिए। प्रधानमंत्री को मध्य प्रदेश बुलाने और झूठे सपने दिखाने के पहले “अनुभवी” और “दूरदर्शी” मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अब तक हुए निवेश की सच्चाई पर एक श्वेत पत्र भी जारी करना चाहिए।' 

सीएम को संबोधित पत्र में पटवारी ने लिखा है कि, 'आगामी 07-08 जनवरी 2023 को “कर्ज-निर्भर” मध्‍यप्रदेश में इन्वेस्टर समिट में आने के लिए प्रधानमंत्री को निमंत्रण दिया है। राजनीतिक स्वार्थों और जनता को भ्रमित करने के उद्देश्य से बहुत संभव है कि यह योजना व्यवहार में भी आ जाए. क्‍योंकि “रिटायरमेंट टूरिज्म” के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मई में दावोस और जर्मनी की यात्रा के बहाने, अंतर्राष्ट्रीय भ्रमण भी शुरू कर सकते हैं। भाजपा सरकार को बताना चाहिए कि अब तक कुल कितना निवेश हुआ? कितने लोगों को रोज़गार मिला? कितना निवेश धरातल पर उतरा? आयोजन के नाम पर अब तक भाजपा ने कितना ख़र्च किया?'

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कांग्रेस नेता ने, 'निवेश के पुराने आंकड़ों का उल्‍लेख करते हुए पूछा है कि वर्ष 2007: इंदौर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 1.22 लाख करोड़, साल 2010 : खजुराहो समिट में 2.41 लाख करोड़, वर्ष 2012 : इंदौर समिट में 2.94 लाख करोड़, साल 2014 : इंदौर इन्वेस्टर्स समिट में 4.42 लाख करोड़ और वर्ष 2016 में इंदौर की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 5 लाख 62 हज़ार 847 करोड़ के 2630 निवेश के प्रस्ताव आने का दावा किया गया था, लेकिन इसकी हकीकत अब तक सरकार ने जनता को बताई नहीं है।'

विकास का अबोध बालक बड़ा क्यों नहीं हुआ: जीतू पटवारी

पूर्व मंत्री ने कहा कि, 'सभी इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर सरकारी खज़ाने से करोड़ों रुपये फूंके गए, कई विदेश यात्राएं की गईं। प्रदेश की तस्वीर बदलने के तमाम दावे के बीच बेरोजगारों की भावनाओं से खेलते हुए रोज़गार के बड़े-बड़े दावे भी, बढ़-चढ़कर किए गए। कई कंपनियों को बड़ी मात्रा में ज़मीनों का आवंटन भी किया गया। लेकिन, विकास का अबोध बालक अभी तक बड़ा क्‍यों नहीं हो पाया है?'

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उन्होंने सीएम शिवराज की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश कभी शांति का टापू कहलाता था, लेकिन एनसीआरबी के आंकड़ों में अब अपराधों की स्थिति ना केवल देश, बल्कि दुनिया में मध्यप्रदेश का नाम खराब कर रही है। इसके पीछे सरकार की नाकामी व अपराधी तत्वों को दिया जा रहा खुला संरक्षण है। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के नाम पर बुलडोजर बनी भाजपा झूठी-सस्ती लोकप्रियता बटोर कर जनता को गुमराह कर रही है। लेकिन, भाजपा यह भूले कि खराब कानून व्यवस्था निवेशकों को विचलित करती है। इसलिए, निवेश के झूठे दावों को जमीन पर लाने के पहले अपराधों की खड़ी फसल को नष्ट करना जरूरी है। असंतुष्ट व्यापारी, परेशान कारोबारी, कर्जदार किसान, बेरोजगार युवा और शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे बुनियादी मामलों में लापरवाही मध्य प्रदेश की गलत छवि बना रही है।'