रीवा में शिव मंदिर पर चला बुलडोजर, भाजपा पर भड़की कांग्रेस ने कहा कार्यालय की शोभा बढ़ाने वास्ते तोड़ा मंदिर

शुक्रवार देर रात मंदिर को जब गिराया जा रहा था तभी कांग्रेस कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए और विरोध करने लगे, कांग्रेस का आरोप है कि मंदिर के पीछे भाजपा कार्यालय है, इसलिए मंदिर को तोड़ा गया।

Updated: Jan 21, 2023, 05:31 PM IST

रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा जिले में शुक्रवार देर रात एक प्राचीन शिव मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया। मामला सामने आने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस राज्य सरकार के खिलाफ हमलावर है। कांग्रेस का आरोप है कि मंदिर के पीछे स्थित बीजेपी कार्यालय के सौंदर्यीकरण के लिए मंदिर को ध्वस्त किया गया।

दरअसल, शुक्रवार को रीवा शहर के ढेकहा तिराहे पर स्थित सालों पुराने शिव मन्दिर को रात के अंधेरे में बुलडोजर से ध्वस्त किया जा रहा था। इस बात की खबर लगते ही भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता वहां इकट्ठा हो गए और उन्होंने मंदिर तोड़े जाने का विरोध शुरू कर दिया। हालांकि, तबतक मंदिर का आधा हिस्सा तोड़ा जा चुका था। विरोध को दबाने के लिए भारी संख्या में पुलिसबल को भी मौके पर भेज दिया गया।

स्थानीय कांग्रेस नेत्री कविता पांडे ने बताया कि ढेकहा तिराहे पर स्थित यह मंदिर कई दशक पुराना है। बाद में उसके पीछे बीजेपी का कार्यालय बनाया गया। अब मंदिर को तोड़कर भाजपा कार्यालय को बड़ा बनाने की तैयारी है। मंदिर के पुजारी को भी भाजपाइयों ने अपने पक्ष में कर लिया और रातों रात मंदिर तोड़ दी। उन्होंने कहा कि मंदिर के नाम पर नौटंकी करने वाली बीजेपी भगवान शंकर को सड़क पर पहुंचाने का बेशर्मी भरा कृत्य कर रही है। जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है। 

कविता पांडे ने घटना को लेकर आक्रोश जताते हुए कहा कि, 'भाजपा के सांसद और 8 विधायकों को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए। जमीन की खरीद-फरोख्त करते-करते भगवान शंकर की 2 गज जमीन भी इन्हें बर्दाश्त नहीं हो रही। इन पापियों के पाप का घड़ा भर चुका है। भगवान शंकर और सनातन धर्म के लोग जल्द ही इन्हें सबक सिखाएंगे। मैं भगवान भोलेनाथ के समक्ष संकल्प लेकर आई हूं की पुनः यहां भव्य मंदिर का निर्माण कराऊंगी और पूरी ताकत से मंदिर तोड़ने वालों के खिलाफ लड़ाई लडूंगी। रीवा शहर की सनातन धर्मावलंबी जनता से आह्वान करती हूं कि आप सब एक-एक ईंट पत्थर का दान करें ताकि पुनः मंदिर का जीर्णोद्धार हो सके।'

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मामला तूल पकड़ने के बाद भाजपा नेता और नगर निगम के अध्यक्ष वेंकटेश पांडेय और मंदिर के पुजारी ने कहा की मंदिर का कुछ हिस्सा जर्जर हो गया था। उसे इसलिए गिराया गया ताकि मंदिर को नया रुप देकर उसके सौंद्रीकरण का काम किया जाए। यातायात प्रभावित न हो इसलिए रात में कार्य कराया जा रहा था। लेकिन कुछ लोग आए और हंगामा शुरु कर दिया। 

हालांकि इस मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इसकी सूचना न तो जिला प्रशासन को दी गई थी ना ही पुलिस को और न ही किसी भी प्रकार की अनुमति ली गई थी। मौके पर पहुंचे एसडीएम अनुराग तिवारी ने मंदिर ध्वस्त कराने में संलिप्त लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने की बात कही है। जिसके बाद मामला शांत हुआ। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच की जा रही है।