प्रकृति ने बंद किए सारे रास्ते, एमपी में सीमावर्ती इलाकों के रहवासी नहीं जा सकेंगे राजस्थान

प्रदेश में जारी भारी बारिश की वजह से पार्वती और अहेली नदी उफान पर, श्योपुर-बारां स्टेट हाइवे बाधित, सुरक्षा के मद्देनजर राजस्थान और मप्र पुलिस ने आवागम रोका, अलर्ट जारी

Updated: Jul 27, 2021, 11:25 AM IST

Photo Courtesy: twitter
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भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों भारी बारिश का दौर जारी है। बीते 24 घंटों में प्रदेश के कई हिस्सों में मूसलाधार वर्षा हुई, जिसकी वजह से कई नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। कई जिलों का आपस में संपर्क टूट गया है।

मप्र, राजस्थान के सीमावर्ती जिलों से अवागमन पर रोक

गुना जिले के बमोरी समेत श्योपुर में भारी वर्षा के कारण पार्वती नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पार्वती नदी का जलस्तर 8 घंटे में 5 मीटर तक बढ़ गया है। इलाके में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। प्रशासन ने आसपास के 29 गांवों में अलर्ट जारी किया है। यहां पार्वती नदी के अलावा अहेली का जलस्तर बढ़ गया है। श्योपुर-कोटा मार्ग पर खातौली के नजदीक पार्वती और श्योपुर-बारां स्टेट हाइवे पर अहेली नदी के पुल के ऊपर से 3 से 4 फीट पानी बह रहा है। सुरक्षा के मद्देनजर मध्यप्रदेश और राजस्थान ने मार्ग बंद करने का फैसला लिया है। दोनों प्रदेशों की पुलिस ने सीमावर्ती क्षेत्रों में गाड़ियों के आवागमन पर रोक लगा दी है। वहीं प्रदेश के होशंगाबाद में नर्मदा, उज्जैन में क्षिप्रा, सतना में टमस, श्योपुर में पार्वती नदी का जल स्तर बढ़ गया है। लोगों से अपील की जा रही है कि पुल पर पानी होने पर उससे न गुजरें।

मध्यप्रदेश के 12 जिलों में औसत से ज्यादा बारिश

मध्यप्रदेश में इस मानसूनी सीजन में औसत से एक प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। 1 जून से 27 जुलाई तक 394.5 मिली मीटर वर्षा हुई है। जबकि सामान्य बारिश का आंकड़ा 389.4मिमी है। राज्य के 80 फीसदी जिलों ने सामान्य बारिश का आंकड़ा पा लिया है। 12 जिलों में औसत से अधिक वर्षा हो चुकी है। इनमें अव्वल नंबर पर सिंगरौली है यहां एक जून  से 27 जुलाई तक हुई बारिश का आंकड़ा औसत से 57 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं मदंसौर 31%, रतलाम 34%, उज्जैन 44%, आगर 51%, गुना 26%, राजगढ़ 46%, शाजापुर 41%, विदिशा 24%, रायसेन 23%, बैतूल 42%, नरसिंहगढ़ 25% एक्सेस रेन हो चुकी है।

9 जिलों में अब भी कम बरसे बदरा

वहीं मध्यप्रदेश में औसत से कम वर्षा वाले 9 जिले हैं। जहां पिछले दिनों बादलों की बेरुखी की वजह से पिछड़ा आंकड़ा अब तक सामान्य नहीं हो पाया है। दतिया माइनस 40%, टीकमगढ़ 28%, छतरपुर 22%, दमोह 26%, पन्ना 35%, बालाघाट 28%, खरगोन 27%, धार 22%, बड़वानी 30% कम बारिश दर्ज की हुई है। वहीं भोपाल, होशंगाबाद, रायसेन सीहोर, जबलपुर, देवास, इंदौर, खंडवा, हरदा, समेत कई अन्य जिलों में सामान्य वर्षा आंकड़े तक पहुंच चुका है।

प्रदेश में जम कर बसरे बदरा

वहीं बीते 24 घंटों में गुना में सबसे ज्यादा 130.0 मिमी बरसात हुई है। वहीं ग्वालियर 79.7 मिमी, श्योपुरकलां 60.0 मिमी, रायसेन 47.8 मिमी, टीकमगढ़ 45.0 मिमी, पचमढ़ी 24.0 मिमी, भोपाल 19.5 मिमी, भोपाल शहर 17.7 मिमी, शाजापुर 16.0 मिमी, सागर 14.2 मिमी, होशंगाबाद 11.4 मिमी, जबलपुर 10.2 मिमी, सीधी 9.6 मिमी, रतलाम 8.0 मिमी, मंडला 7.0 मिमी, रीवा 5.4 मिमी, नरसिंहपुर 5.0 मिमी, उमरिया 3.7 मिमी, उज्जैन 3.0 मिमी, धार 3.0 मिमी मलंजखंड 2.6 मिमी, छिंदवाड़ा 1.8 मिमी, सतना 1.8 मिमी, बैतूल 1.2 मिमी, दमोह 1.0 मिमी बरसात दर्ज की गई है।

नया सिस्टम निमाड़-मालवा में दिखाएगा असर

मौसम वैज्ञानिक पीके साहा का कहना है कि इनदिनों उत्तरी बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया बना हुआ है। जिसकी वजह से 28 जुलाई के बाद से एक बार फिर भारी बारिश होगी। इस नए सिस्टम का असर मध्यप्रदेश के मालवा निमाड़ क्षेत्र पर पड़ेगा, यहां इंदौर, उज्जैन, धार, बड़वानी, मंदसौर, रतलाम में बारिश होने के आसार हैं। बंगाल की खाड़ी में कई साइक्लानिक सर्क्यूलेशन भी नजर आ रहे हैं। जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश के दक्षिण-मध्य क्षेत्र में सक्रिय साइक्लानिक सर्क्यूलेशन समुद्र तल से 3.1 किमी की ऊंचाई तक फैल गया है। जबकि पाकिस्तान और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में कई दूसरे साइक्लानिक सर्क्यूलेशन एक्टिव हैं। इनदिनों मॉनसून ट्रफ गंगानगर, हिसार, मेरठ, हरदोई से होते हुए वाराणसी, डाल्टनगंज और दीघा से लेकर बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एऱिया तक फैला है। जिसकी वजह से देश के अन्य इलाकों के साथ ही मध्यप्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है।

प्रदेश के 8 जिलों में भारी बारिश के लिए आरेंज अलर्ट

मध्यप्रदेश के 8 जिलों के लिए मौसम विभाग ने आरेंज अलर्ट जारी किया है। श्योपुरकला, मुरैना, भिंड, दतिया, गुना, ग्वालियर, शिवपुरी और अशोक नगर में भारी से अति भारी वर्षा के आसार है। इन जिलों में 115.6 से 204.4 मिमी तक बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने इन जिलों में बिजली गिरने की आशंका जताई है। 

वहीं मौसम विभाग ने राजगढ़, आगर, पन्ना, शहडोल, टीकमगढ़, नीमच, मंदसौर, विदिशा, छतरपुर, बालाघाट में कहीं-कहीं भारी बारिश और गरज चमक के साथ बिजली गिरने की संभावना जताई है। इन जिलों में बारिश के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं प्रदेश के अन्य जिलों में बादल छाए रहने और 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना जताई गई है।

दर असल जुलाई का आखिरी सप्ताह किसानों के लिए राहत की बारिश लेकर आया है। शुरुआती करीब 3 सप्ताह तक बारिश नहीं होने से  किसान परेशान थे। बादलों की बेरुखी से फसलें सूखने लगी थीं। लेकिन अब मौसम की मेहरबानी से खेतों में फसलें हरी होने लगी हैं। किसानों की मानें तो हल्की बारिश से धान की फसल को फायदा होने की उम्मीद है, वहीं जिन किसानों ने अब तक धान का रोपा नहीं लगाया है, वे फिलहाल इसे लगाने की तैयारी में हैं।