CM हाउस में भव्य कन्याभोज, शिवराज के गृहजिले सीहोर की बेटियां तपती दुपहरी में पानी तक को तरसी

रामनवमी पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हाउस में कराया कन्याभोज, उधर उनके गृहजिले सीहोर की कन्याएं पानी के लिए जंगलों में भटकती दिखीं

Updated: Apr 10, 2022, 04:45 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत तमाम मंत्री रविवार को धूम-धाम से रामनवमी मना रहे हैं। सीएम चौहान ने राजधानी भोपाल स्थित अपने निवास में कन्याभोज कराया। उधर मुख्यमंत्री के गृहजिला सीहोर की कन्याओं की एक तस्वीर सामने आई है जो शिव–राज में विकास के खोखले दावों की शर्मनाक हकीकत बयां करने के लिए काफी है। 

शिवराज सिंह चौहान ने सुबह सीएम हाउस में रामनवमी के आयोजनों की कुछ तस्वीरें साझा की। तस्वीर में देखा जा सकता है कि मुख्यमंत्री अपने हाथों से कन्याओं को भोजन करा रहे हैं। तस्वीर पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री ने लिखा, 'नवरात्रि के शुभ अवसर पर निवास में सपत्नी शक्ति स्वरूपा कन्याओं की पूजा-अर्चना कर भोजन कराया एवं जगत के शुभत्व व मंगल के लिए आशीर्वाद प्राप्त किया। जय मां अम्बे!'

सीएम हाउस के वातानुकूलित हॉल में जब मुख्यमंत्री कन्या भोज करा रहे थे, उसी समय भोपाल से सटे सीहोर की कन्याएं पीने के पानी के लिए तरस रहीं थीं। यह इलाका सीएम का गृह जिला है, जहां से उन्होंने सत्ता के शीर्ष तक का सफर तय किया है। रामनवमी के दिन सीहोर के रामगढ़ की कन्याओं की जो तस्वीर आई है वह विचलित करने वाली है। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि तपती दुपहरी में प्लास्टिक का डब्बा लिए मासूम बच्चीयों का झुंड खेतों में जा रहा है। 

मध्य अप्रैल में जब आसमान आग उगल रहा हो और जमीन तप रही हो ये बेटियां नंगे पैर कई किलोमीटर दूर पानी की तलाश में जा रही हैं। एक अन्य तस्वीर में कुआं दिख रहा है, जहां कन्याएं पानी भर रही हैं। सीहोर की ये तस्वीरें विकास की कहानी कहने के लिए काफी है। इन दो तस्वीरों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा कि शास्त्रों में इसे ही ढोंग पाखंड और दिखावा कहा जाता है। शर्म करो शिवराज जी शर्म। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक सीहोर की इछावर तहसील का आदिवासी बाहुल्य गांव रामगढ़ बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है। लोग गांव के समीप स्थित पटारा नदी, जो कि वर्तमान में सूख चुकी है, के बीचों बीच बने कुएं से पीने का पानी जुटाते हैं। एक ओर करीब 1300 लोगों की आबादी इस एक कुएं पर निर्भर है। वहीं दूसरी ओर सरकार आए दिन ये दावे करते नहीं थकती है कि ग्रामीण अंचलों में जल जीवन मिशन के तहत हर घर में पानी पहुंचाया जा रहा है।