आखिर कौन सी विपदा आ गई थी, रुद्राक्ष महोत्सव रोकने पर भड़के कैलाश विजयवर्गीय

BJP के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय ने सीएम शिवराज को लिखा पत्र, सीहोर में आयोजित रुद्राक्ष महोत्सव को रोके जाने को लेकर जताई नाराजगी, बोले- कभी इज्तिमा पर रोक क्यों नहीं लगता

Updated: Mar 02, 2022, 03:43 AM IST

Photo Courtesy: Satya hindi
Photo Courtesy: Satya hindi

भोपाल। मध्य प्रदेश के सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित होने का विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस की आपत्ति के बाद अब खुद बीजेपी नेताओं ने भी शिवराज सरकार को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। मंगलवार शाम बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इस मामले पर सीएम चौहान को पत्र लिखकर कई सवाल खड़े किए हैं। वहीं बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने इसे अक्षम्य अपराध करार दिया है।

सीएम को संबोधित पत्र में कैलाश विजयवर्गीय ने लिखा की, 'सीहोर में जो कुछ हुआ उसे देख सुन कर अत्यंत पीड़ा और वेदना पहुंची। सीहोर जिला प्रशासन की अकर्मण्यता से मेरे जैसे कई सनातनियों को आघात पहुंचा है। विगत 17 वर्षों से आप इस प्रान्त के मुखिया है। आखिर ऐसी कौनसी विपदा आ गई थी कि पंडित प्रदीप मिश्रा पर इतना दबाव बनाया गया कि उन्हें भारी मन से कथा को समाप्त करना पड़ा। भोपाल में इज्तिमा का आयोजन होता है। लाखों लोग शामिल होते हैं। कई मंत्रियों को जाम में फंसना भी पड़ता है। लेकिन ऐसा कभी सुनाई नहीं दिया कि इज्तिमा रोक दिया गया हो।' 

कैलाश विजयवर्गीय के आगे लिखा कि, 'क्या सीहोर का प्रशासन इतना नाकारा था कि इस आयोजन की सूचना होने के बावजूद व्यवस्था जुटाई नहीं जा सकी? क्या जिम्मेदार अधिकारी इतने अदूरदर्शी थे कि वो भांप नहीं सके कि 11 लाख रुद्राक्ष का अनुष्ठान है तो श्रद्धालुओं की आवाजाही भी रहेगी? क्या सीहोर के प्रशासनिक अमले की इतनी हिम्मत है कि वो इतना बड़ा निर्णय कर ले? शिवराज जी ऐसे अनगिनत सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं।'

विजयवर्गीय आगे लिखते हैं कि, 'ये आपकी ही दूरदर्शिता थी कि अल्प समय में कुंडलपुर में आयोजित पंच कल्याणक महोत्सव इस सदी का अभूतपूर्व आयोजन रहा आपके ही कार्यकाल में सिंहस्य जैसा भव्य और दिव्य आयोजन हुआ। शिवराज जी सीहोर के अकर्मण्य प्रशासन के कारण आपकी छवि पर भी असर पड़ रहा है। आपको यह सब अवगत कराने में भी कष्ट और पीड़ा हो रही है। सीहोर का प्रशासन इस तरह से निकृष्ठ साबित होगा ये कल्पना से परे है।'

यह भी पढ़ें: रुद्राक्ष महोत्सव पर रोक को लेकर गरजे कमल नाथ, खुद को धर्म प्रेमी बताने का ढोंग करती है शिवराज सरकार

कैलाश विजयवर्गीय ने लिखा है कि, 'हम तो शिव के अनुगासी है भगवान शिव ने जैसे विषपान किया वैसे हम भी कर लेंगे। किंतु शिवरात्रि के महापर्व पर देश भर से आए शिव भक्तों की क्या गलती थी गलती तो शुद्ध रूप से सीहोर प्रशासन की है। सीहोर प्रशासन को जाकर श्री प्रदीप मिश्रा जी से माफी मांगना चाहिए और कथा पुनः प्रारंभ हो होना चाहिए। मेरी दृष्टि में शिवराज के राज में प्रशासन की गलती की सजा शिवभक्त क्यों भुगते? मुझे विश्वास है आप प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्यवाही करेंगे तथा कथा पुनः प्रारंभ हो ऐसा प्रयास कराएंगे।'

बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने इस मामले पर सीएम को संबोधित पत्र में लिखा है कि, 'धार्मिक सरोकारों की वजह से ही देशभर में बीजेपी की सरकार है। प्रशासनिक असफलता के कारण घटित इस घटना ने सरकार की साख पर बट्टा लगाने का कार्य किया है। सीहोर प्रशासन ने लोगों की आस्था से खिलवाड़ किया है और यह अक्षम्य अपराध है।' 

दरअसल, राजधानी भोपाल से सटे सीहोर में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन होना था। इस महोत्सव के लिए पिछले पंद्रह दिनों से तैयारियां जोरों शोरों पर थीं। आयोजन के दिन सुबह से ही पंडाल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। भोपाल इंदौर स्टेट हाईवे के दोनों तरफ भी जाम लग गया। इसी बीच पंडित प्रदीप मिश्रा ने अचानक ही अपने महोत्सव को स्थगित करने का ऐलान कर दिया। कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने भावुक होकर श्रद्धालुओं को बताया कि प्रशासन के दबाव में उन्हें अपने महोत्सव को रोकना पड़ रहा है। इसके बाद ही इस मामले ने तूल पकड़ता जा शुरू रहा है।