56 लाख बच्चों को नहीं मिली है मिड डे मिल योजना की राशि, कमल नाथ ने कहा, सरकार बच्चों को भोजन भी आपदा में अवसर तलाश कर देगी
मिड डे मिल योजना के तहत प्रदेश के कुल 56 लाख बच्चों को भोजन की राशि दी जानी है, लेकिन राज्य के स्कूली बच्चों को अब तक सरकार की इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है

भोपाल। मध्यप्रदेश में भले ही कोरोना की रफ्तार थम गई हो लेकिन राज्य के बच्चे अभी भी मध्यान्ह योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ की राह संजोए बैठे हैं। राज्य करीब 56 लाख बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जाना है। ऐसे में सकूली बच्चों कोे अब तक सरकार द्वारा लाभ न मिलने की वजह से कमल नाथ ने राज्य की शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कमल नाथ ने पूछा है कि आखिर सरकार कब तक बच्चों को योजना का लाभ पहुंचाएगी।
कमल नाथ ने आज अपने ट्विटर हैंडल पर योजना के लाभ से अब तक वंचित बच्चों का ज़िक्र करते हुए कहा है कि प्रदेश में स्कूली बच्चों को मिड डे मील योजना का लाभ नही मिल रहा है। 56 लाख बच्चों के खाते में खाना पकाने की राशि 138 करोड़ रुपया भी अब तक नहीं डाली गई है। लगता है, सरकार बच्चों के रोज के भोजन को भी आपदा में कोई उत्सव मनाकर ही देगी।
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प्रदेश में स्कूली बच्चों को मिड डे मील योजना का लाभ नही मिल रहा है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 30, 2021
56 लाख बच्चों के खाते में खाना पकाने की राशि 138 करोड़ रुपया भी अब तक नहीं डाली गई है।
लगता है, सरकार बच्चों के रोज के भोजन को भी आपदा में कोई उत्सव मनाकर ही देगी।
कमल नाथ ने राज्य सरकार को इस बात से आगह किया है कि अगर इस मामले में राज्य सरकार ढ़िलाई दिखाती है तो इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि जल्द ही बच्चों तक बिना किसी विलंब के योजना का लाभ पहुंचाए। कमल नाथ ने ट्विट किया कि बच्चों के दैनिक भोजन के मामले में इस तरह की ढिलाई 'का बरसा जब कृषि सुखाने' के हालात पैदा कर रहा है।मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि मिड डे मील योजना का लाभ और देय राशि बच्चों को तत्काल दी जाए।
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मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना की पहली लहर के दौरान कुल 56 लाख 80 हज़ार बच्चों के खातों में करीब 137 करोड़ रुपए पहुंचाए थे। चूंकि कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार अब कम पड़ चुकी है, इसलिए अब प्रदेश के बच्चों तक माध्यान भोजन का लाभ पहुंचाने की मांग भी तेज़ी से उठने लगी है।