MP: पीएम आवास के लिए विधवा महिला का संघर्ष, चार साल से काट रही दफ्तरों का चक्कर, नहीं मिला घर

शारदा बाई के तीन बच्चे हैं। चार साल पहले पति का निधन हो गया। अब रहने के लिए मकान नहीं है। बारिश में झोपड़ी के अंदर पानी भर जाता है। पीएम आवास के लिए वह दफ्तरों का चक्कर लगाकर थक चुकी हैं।

Updated: Sep 19, 2022, 06:51 AM IST

आगर मालवा। पीएम आवास योजना के तहत मोदी सरकार का दावा था कि साल 2022 तक सभी गरीबों को पक्का मकान होगा। लेकिन मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के तनोडिया पंचायत में अलग ही मामला सामने आया है। यहां एक विधवा महिला चार साल से योजना का लाभ लेने के लिए दफ्तरों का चक्कर काट रही है।

शारदा बाई के तीन बच्चे हैं। रहने के लिए कोई पक्का मकान नहीं है। चार साल पहले पति का निधन हो गया है। वह तीनों बच्चों के साथ झुग्गी में रहती हैं और मजदूरी कर परिवार का जीवन यापन करती हैं। शारदा बताती हैं कि बारिश में घर में पानी घुस जाता है। घर के लिए कई बार आवेदन करने के बाद भी हमें पीएम आवास योजना के अंतर्गत आवास भी नहीं मिला। हम बहुत परेशान हैं, लेकिन हमारी परेशाानी को कोई सुनने वाला नहीं है।

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शारदा की बड़ी बेटी वर्षा कहती है कि प्रधानमंत्री आवास योजना की जो पहली सूची आई थी। उसमें भी हम लोगों का नाम नहीं आया। आंखों में आंसू भरे शारदा की बेटी रुंधे गले से कहती है कि पिछले कई साल से हम पंचायत में जा-जाकर थक चुके हैं। अधिकारी हमसे कहते हैं कि जब आपके नाम आवास आ जाएगा तो दे दिया जाएगा। बारिश के दौरान हमारे घर में पानी भर जाता है। कोई भी अधिकारी बारिश के दौरान मेरे घर को आकर देख सकता है कि मेरा परिवार कैसे रहता है।

वर्षा टूट चुके उम्मीदों के साथ कहती हैं कि चार साल हो गए, हम कब तक उम्मीद करें। अब तो हमारी उम्मीद भी टूट चुकी है। पिछले सरपंच ने कुछ भी नहीं किया। सहायक सचिव से जब कहो तो वो टालमटोल करते हैं। 
मामले पर जनपद पंचायत प्रभारी सीईओ जितेंद्र सिंह सेंगर का कहना कि उनकी जानकारी में अभी तक ऐसा कोई मामला नहीं था। अगर उसका सूची में नाम छूट गया है तो उसका सूची में नाम डलवाकर आवास दिलाने की कार्यवाही करेंगे।