MPPSC की मुख्य परीक्षा के दौरान प्रश्नोत्तर पुस्तिका में ही लिखने होंगे जवाब

प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका अलग-अलग नहीं होगी, प्रश्नोत्तर पुस्तिका में प्रश्न के साथ ही उत्तर लिखने की जगह भी बनी होगी, MPPSC की मुख्य परीक्षा 21 मार्च से शुरू होनी है

Updated: Jan 09, 2021, 05:37 PM IST

Photo Courtesy: Times Of India
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भोपाल। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) मार्च में होने वाली मुख्य परीक्षा में एक नया प्रयोग करने जा रहा है। 21 मार्च से एमपीपीएससी 2019 की मुख्य परीक्षा होनी है। इसमें उम्मीदवारों को अब प्रश्नपुस्तिका और उत्तर पुस्तिका अलग-अलग नहीं दी जाएगी। अब उन्हें एक ही प्रश्नोत्तर पुस्तिका मिलेगी। जिसमें प्रश्नों के साथ ही साथ उनके उत्तर लिखने के लिए जगह भी दी होगी। उम्मीदवारों को उसी दी गई जगह पर प्रश्नों के उत्तर लिखने होंगे। हालांकि उम्मीदवारों को प्रश्नपत्र अलग से भी दिया जाएगा, जिसे वे परीक्षा देने के बाद अपने साथ ले जा सकेंगे। 

21 मार्च से शुरू होने वाली इस परीक्षा में कुल 6 पेपर होने हैं। इन परीक्षाओं में यह प्रयोग अपनाया जा रहा है। एमपीपीएससी के इस प्रयोग से उम्मीदवारों को प्रश्न पत्र में सहूलियत होने की उम्मीद है। दरअसल इस प्रयोग से अब उम्मीदवार टू द प्वाइंट उत्तर लिख पाएंगे। एमपीपीएससी का यह प्रयोग उन अभ्यर्थियों के लिए फायदेमंद है, जिन्हें अमूमन ज़रूरत से अधिक लिखने की आदत होती है और जो कुछ प्रश्नों में ही इतने उलझ जाते हैं कि आगे के प्रश्न हल करने का समय उनके पास नहीं रहता। 

एमपीपीएससी के इस प्रयोग से उम्मीदवार उतना ही लिख पाएंगे, जितना ज़रूरी है। किसी भी एक सवाल पर वे ज़रूरत से ज्यादा विस्तृत उत्तर नहीं लिख सकेंगे। पुस्तिका में हर प्रश्न के लिए एक तय स्पेस होगा, जिस वजह से उम्मीदवारों के पास अपना उत्तर लिखने के लिए एक सीमित जगह होगी। हालांकि एमपीपीएस के इस प्रयोग से उन अभ्यर्थियों को थोड़ी दिक्कत हो सकती है, जिनकी लिखावट बड़ी है।

आयोग के प्रभारी चेयरमैन डॉ राजेश लाल मेहरा ने कहा है कि इन सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए आयोग ने एक स्टैंडर्ड साइज़ तय किया है। लिहाज़ा जिन अभ्यर्थियों की लिखावट मोटी भी है, उनके लिए भी उत्तर लिखने की पर्याप्त जगह होगी। एमपीपीएससी के इस प्रयोग से सबसे ज़्यादा सहूलियत मूल्यांकन करने वालों को होगी, क्योंकि अब वे उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन करके प्रश्न के आगे ही उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंक लिख सकेंगे। इससे मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता आने की भी उम्मीद है।