नेमावर हत्याकांड की पीड़िता की न्याय यात्रा पर रोक, राज्यपाल पर लगा आदिवासी विरोधी होने का आरोप

राजभवन की ओर जा रही थी न्याय यात्रा, पीड़िता भारती कास्डे के पक्ष में कांग्रेस पार्टी ने निकाली थी न्याय यात्रा, रेड क्रॉस चौराहे पर पुलिस ने यात्रा को रोका, बहसबाजी के बावजूद भारती कराड और कांग्रेस नेताओं से नहीं मिले आदिवासी नेता रहे राज्यपाल

Updated: Jan 11, 2022, 05:14 PM IST

भोपाल। प्रदेश के बहुचर्चित नेमावर हत्याकांड में न्याय की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी ने राजधानी भोपाल में आज न्याय यात्री निकाली। पीड़िता भारती कास्डे के पक्ष में कांग्रेस पार्टी ने राज्यपाल से मिलने का रुख किया। लेकिन भोपाल प्रशासन ने उन्हें रास्ते में ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। 

भोपाल प्रशासन के इस रुख का कांग्रेस पार्टी ने जमकर विरोध किया। कांग्रेस नेताओं और भोपाल प्रशासन के बीच काफी देर तक बहस भी हुई। जिसके बाद भारती कराडे के साथ साथ कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल जांच की मांग को लेकर राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मिलने पहुंचा। लेकिन राज्यपाल कोविड का हवाला देकर इस प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिले। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि आदिवासी समुदाय से आनेवाले राज्यपाल को भी अपने वर्ग के हितों की चिंता नहीं है। 

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भोपाल प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए सीएम शिवराज पर भी तीखे वार किए हैं। कांग्रेस ने सीएम शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा है कि अब आपके जंगलराज का अंत निश्चित है। कांग्रेस पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल पर प्रदर्शन की तस्वीरों को साझा करते हुए कहा कि न्याय यात्रा को बैरिकेडिंग द्वारा रोककर,

शिवराज सरकार ने अपने आदिवासी विरोधी होने के फिर से प्रमाण प्रस्तुत किए हैं।शिवराज जी, कितनी भी कोशिश कर लो अब आपके जंगलराज का अंत निश्चित है। शिवराज हटाओ, आदिवासी बचाओ। 

दरअसल नेमावर हत्याकांड की पीड़िता भारती कास्डे को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने न्याय यात्रा निकाली। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से भारती  के साथ न्याय यात्रा प्रारंभ हुई। इस यात्रा को राजभवन तक जा कर समाप्त होना था। इसके बाद हत्याकांड की दोषियों की गिरफ्तारी की मांग करने के लिए राज्यपाल मंगुभाई पटेल को ज्ञापन सौंपा जाना था। 

लेकिन यात्रा को बीच रास्ते में ही रेड क्रॉस चौराहे पर रोक लिया गया। जिसके बाद मौके पर मौजूद कांग्रेस नेताओं और भारती कास्डे ने भारी विरोध किया। काफी देर तक बहस होने के बाद पुलिस भारती और कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को राज्यपाल से मिलवाने ले गई। कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, पीसी शर्मा, सज्जन सिंह वर्मा, विक्रांत भूरिया शामिल रहे। 

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राज्यपाल को बताया गया कि इस हत्याकांड में सीबीआई जांच की घोषणा तो कर दी गई। लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक दोषियों की गिरफ्तारी तक नहीं की गई है। राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद भारती ने पीसीसी चीफ कमल नाथ से भी मुलाकात की। भारती ने कहा कि प्रदेश भर में आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार बढ़ गया है। लेकिन आदिवासियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। भारती ने कहा कि न्याय मिलने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।