भारत जोड़ो न्याय यात्रा का दूसरा दिन, इम्फाल वेस्ट के सेकमई से हुई यात्रा की शुरूआत, आज नगालैंड में प्रवेश

20 मार्च को खत्म होने वाली यात्रा 15 राज्य और 110 जिलों के 337 विधानसभा सीटों को कवर करेगी। इस दौरान राहुल गांधी बस से और पैदल मिलाकर 6700 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय करेंगे।

Updated: Jan 15, 2024, 11:52 AM IST

इंफाल। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' का आज दूसरा दिन है। आज यात्रा इंफाल वेस्ट के सेकमई से शुरू हुई। मणिपुर में आज दिनभर के भ्रमण के बाद यात्रा रात में नगालैंड में प्रवेश करेगी।

न्याय यात्रा के दूसरे दिन यानी सोमवार की सुबह सेवादल के कार्यक्रम में तिरंगा फहराने के बाद 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' की शुरुआत की गई है। इस दौरान राहुल गांधी मणिपुर के आदिवासियों की पारंपरिक लिबास भी पहले दिखे।

भारत जोड़ो न्याय यात्रा दूसरे दिन मणिपुर के इंफाल पश्चिम के सेकमाई से शुरू हुई। सुबह 9.30 बजे संबोधन हुआ अब 11 बजे मणिपुर के सेनापती में सार्वजनिक संबोधन होगा। उसके बाद दोपहर 12 बजे करोंग ग्राउंड, सेनापती में ब्रेक लिया जाएगा। ये ब्रेक करीब दो घंटे का होगा फिर दोपहर 2 बजे से ये यात्रा दोबारा शुरू होगी। फिर 4.30 बजे शाम को माउ गेट में ब्रेक होगा उसके बाद खुजामा ग्राउंड में रात्री विश्राम होगा।

शुरुआती दो दिनों में यह यात्रा 257 KM और 5 जिलों को कवर करेगी। 66 दिनों तक चलने वाली ये भारत जोड़ो न्याय यात्रा देश के 15 राज्यों और 110 जिलों से होकर गुजरेगी। राहुल गांधी जगह-जगह रुककर स्थानीय लोगों से संवाद करेंगे। इस दौरान राहुल 6700 किमी से अधिक का सफर तय करेंगे। ये यात्रा 14 जनवरी यानी कल शुरू हुई थी जो 20 मार्च को मुंबई में खत्म होगी।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मणिपुर के थौबल से भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आगाज किया था। यात्रा से पहले राहुल गांधी ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा। इसलिए पैदल के साथ-साथ बस यात्रा का फैसला किया। सवाल उठा कि यात्रा कहां से शुरू करें, किसी ने कहा वेस्ट से करो, किसी ने ईस्ट बताया। मैंने साफ कहा- अगली भारत जोड़ो यात्रा सिर्फ मणिपुर से शुरू हो सकती है।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि मणिपुर में बीजेपी की नफरत की राजनीति है। मणिपुर में भाई-बहन, माता-पिता आंखों के सामने मरे और आज तक हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री मणिपुर में आपके आंसू पोछने, गले मिलने नहीं आए। ये शर्म की बात है।