चुनाव परिणाम आने से पहले एक बार फिर कर्ज लेगी शिवराज सरकार, इस साल अबतक 38,500 करोड़ कर्ज लिया

मध्य प्रदेश में तीन दिसंबर को जिसकी सरकार बनेगी, उसे 3.85 लाख करोड़ रुपए का कर्ज विरासत में मिलेगा। प्रदेश के हर नागरिक पर फिलहाल 47 हजार रुपए का कर्ज है।

Updated: Nov 25, 2023, 09:08 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने से पहले प्रदेश की शिवराज सरकार एक बार फिर कर्ज लेने की तैयारी में है। नई सरकार के गठन से पूर्व प्रदेश की शिवराज सरकार 28 नवंबर को दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। वित्त विभाग ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह कर्ज RBI से 14 साल के लिए लिया जा रहा है।

मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव का मतदान हुआ, जिसका नतीजा 3 दिसंबर को आने वाला है। मध्य प्रदेश में तीन दिसंबर को जिसकी सरकार बनेगी, उसे 3.85 लाख करोड़ रुपए का कर्ज विरासत में मिलेगा। इस लिहाज से देखा जाए तो प्रदेश के हर नागरिक पर फिलहाल 47 हजार रुपए का कर्ज है। सरकारी खजाने से साल का 20 हजार करोड़ रुपये सिर्फ ब्याज चुकाने में जा रहा है। नई सरकार के लिए खस्ताहाल खजाने से अपनी चुनावी घोषणाओं को पूरा करने के लिए बड़ी चुनौती सामने आने वाली है।

बता दें कि इसके पहले आचार संहिता लागू रहने के दौरान भी सरकार बाजार से कर्ज ले चुकी है। इस साल जनवरी से अब तक 38,500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा चुका है। चुनावी मुद्दा बनाए जाने के चलते राज्य सरकार ने नवंबर महीने में कर्ज नहीं लिया था। इस महीने का यह पहला कर्ज होगा। करंट फाइनेंसियल बजट के मुताबिक सरकार की आमदनी 2.25 लाख करोड़ है और खर्च इससे 54 हजार करोड़ अधिक है। अब नई सरकार को वर्तमान बजट से अधिक राशि की आवश्यकता होगी।

मध्यप्रदेश शासन का वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट 3.14 लाख करोड़ रुपए का है। इसका तकरीबन 26.2% हिस्सा वेतन, भत्ते और ब्याज की अदायगी में ही चला जाता है। एक्सपर्ट्स हैरान हैं कि शिवराज सरकार ने दो साल में बाजार से एक लाख करोड़ से ज्यादा का लोन उठा लिया है। यह अब तक लिए गए लोन का एक तिहाई है। इसका असर यह हुआ कि मप्र में हर व्यक्ति पर पांच साल में कर्ज डबल हो गया।