शिवराज सरकार ने मेघा परमार से छीना ब्रांड एंबेसडर का ख़िताब, कांग्रेस ने बताया लाडली का अपमान

शिवराज सरकार राजनैतिक दुर्भावना के सबसे निचले स्तर पर उतर आयी है। लाड़ली बेटियों को अपमानित करना भाजपा का राष्ट्रीय कार्यक्रम बन गया है, मेघा परमार को पद से हटाए जाने पर बरसी कांग्रेस

Updated: May 12, 2023, 09:20 AM IST

शिवराज सरकार ने मेघा परमार से छीना ब्रांड एंबेसडर का ख़िताब, कांग्रेस ने बताया लाडली का अपमान

भोपाल। मध्य प्रदेश कि शिवराज सरकार ने सर्वोच्च चोटी फतह करने वाली पर्वतारोही मेघा परमार के विरुद्ध दुर्भावनपूर्ण कार्रवाई की है। राज्य सरकार ने मेघा परमार को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के ब्रांड एंबेसडर पद से हटा दिया है। यह कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि एक दिन पहले ही मेघा कांग्रेस की ओर से आयोजित नारी सम्मान योजना के लॉन्चिंग कार्यक्रम में शामिल हुईं थीं। इस दौरान कमलनाथ की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता भी ग्रहण किया था।

मेघा परमार के विरुद्ध इस कार्रवाई की कांग्रेस पार्टी ने तीखी आलोघना की है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने ट्वीट किया, "शिवराज सरकार राजनैतिक दुर्भावना के सबसे निचले स्तर पर उतर आयी है। एवरेस्ट फ़तह करने वाली एमपी की इकलौती बेटी मेघा परमार को बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के ब्रांड एंबेसडर पद से हटा दिया गया। लाड़ली बेटियों को अपमानित करना भाजपा का राष्ट्रीय कार्यक्रम बन गया है। मेघा कल कांग्रेस के नारी सम्मान कार्यक्रम में शामिल हुई थी।"

दुनिया की सबसे ऊंची चोंटी फतह करने वाली मेघा परमार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के गृह जिले सीहोर के इछावर की रहने वाली हैं। छिंदवाड़ा में पूर्व सीएम व पीसीसी प्रमुख कमलनाथ के सामने उन्होंने मंगलवार को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। इसके अगले ही दिन यानी बुधवार को उन्हें राज्य सरकार ने ब्रांड एंबेसडर पद से हटा दिया। दरअसल, सरकार चाहती थी कि मेघा भाजपा ज्वाइन करे। हालांकि, वह कांग्रेस की विचारधारा से प्रभावित थीं।

बता दें कि मेघा परमार ने 22 मई, 2019 को सुबह 5 बजे माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली मध्य प्रदेश की पहली महिला बनकर इतिहास रच दिया था। माउंट एवरेस्ट की चोटी पर भारतीय ध्वज फहराने वाली मेघा का जन्म मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के भोज नगर गांव में हुआ था। किसान परिवार में जन्मी मेघा ने जीवन में काफी संघर्ष देखा है। साथ ही, पिछले साल मेघा परमार ने 147 फीट (45 मीटर) की टेक्निकल स्कूबा डाइविंग कर नया विश्व रिकॉर्ड भी बनाया था।

साल 2019 में मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने माउंट एवरेस्ट फतह कर देश व प्रदेश को गौरवान्वित करने वाली मेघा परमार व भावना डेहरिया को 15 लाख प्रोत्साहन राशि व 3 लाख स्वैच्छिक अनुदान राशि देकर सम्मानित किया था। मेघा ने मंगलवार को कहा भी था कि यदि कमलनाथ नहीं होते तो वह एवरेस्ट फतह नहीं कर पातीं।