उमा भारती ने की बीजेपी शासित राज्यों में शराब बंदी की मांग, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के विपरीत जताई राय

उमा भारती ने कहा है कि शराब माफियाओं का डर और राजस्व का लालच शराबबंदी नहीं होने देता, लगाया सरकारी व्यवस्था पर शराब के प्रबंध का आरोप

Updated: Jan 21, 2021, 03:01 PM IST

Photo Courtesy: The Siasat Daily
Photo Courtesy: The Siasat Daily

भोपाल। शिवराज सरकार में नंबर दो के नेता नरोत्तम मिश्रा शराब के मसले पर एकदम अलग थलग पड़ गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा डैमेज कंट्रोल किए जाने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी नरोत्तम मिश्रा से हटकर अलग लाइन पकड़ ली है। उमा भारती ने तो शिवराज से भी एक कदम आगे बढ़कर प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू करने की वकालत कर दी है। उमा भारती ने बेबाकी से अपनी राय प्रकट करते हुए कहा है कि सरकारी व्यवस्था ही लोगों को शराब पिलाने का प्रबंध करती है। उमा भारती का कहना है कि जैसे कोई मां अपने बच्चे को ज़हर पिला दे, सरकारी तंत्र द्वारा शराब की दुकानें खोलना भी ऐसा ही है। 

उमा भारती ने lockdown के दौरान बंद रही शराब की दुकानों का हवाला देते हुए कहा कि कोरोनाकाल के लॉकडाउन के समय पर लगभग शराबबंदी की स्थिति रही इससे यह तथ्य स्पष्ट हो गया है कि अन्य कारणों एवं कोरोना से लोगों की मृत्यु हुई किंतु शराब नहीं पीने से कोई नहीं मरा। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश में शराब पीने से बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हुई। उमा भारती ने कहा कि सड़क दुर्घटना का भी बड़ा कारण शराब पीना ही होता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बड़े आश्चर्य की बात है कि शराब मृत्यु का दूत है। फिर भी थोड़े से राजस्व का लालच एवं शराब माफिया का दबाव शराबबंदी नहीं होने देता है। 

यह भी पढ़ें : शराब की दुकानें खोलने पर फ़िलहाल फ़ैसला नहीं, गृह मंत्री के बयान पर विवाद के बाद सीएम का डैमेज कंट्रोल

उमा भारती ने कहा कि मैं तो जेपी नड्डा जी से ट्वीट के माध्यम से सार्वजनिक अपील करती हूं कि जहां भी भाजपा की सरकारे हैं, उन राज्यों से पूर्ण शराबबंदी की तैयारी करिए। उमा भारती ने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि राजनीतिक दलों को चुनाव जीतने का दबाव रहता है बिहार की भाजपा की जीत यह साबित करती है कि शराबबंदी के कारण ही महिलाओं ने एकतरफा वोट नीतीश कुमार जी को दिये। शराबबंदी कहीं से भी घाटे का सौदा नहीं है शराब बंदी से राजस्व को हुई क्षति को कहीं से भी पूरा किया जा सकता है किंतु शराब के नशे में बलात्कार, हत्याएं, दुर्घटनाएं छोटी बालिकाओं के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं भयावह हैं तथा देश एवं समाज के लिए कलंक है।

उमा भारती के इन बयानों के सियासी मायने भले न हों लेकिन शिवराज सरकार में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ज़रूर शराब की दुकानों के मसले पर अलग थलग पड़ गए हैं। नरोत्तम मिश्रा ने यह सुझाव दिया था कि प्रदेश में ज़हरीली शराब से होने वाली मौतों को रोकने के लिए नयी शराब की दुकानों को खोला जाना ज़रूरी है। ताकि प्रदेश के लोगों के पास नकली और ज़हरीली शराब नहीं पहुँच सके। लेकिन मिश्रा के बयान पर विवाद बढ़ने के बाद जब सियासी पारा चढ़ा तब खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया के सामने आकर कहा कि प्रदेश में नयी शराब की दुकानों के खोले जाने को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है।