राम मंदिर के नाम पर राजनीति कर रही है बीजेपी, शरद पवार ने केंद्र सरकार पर बोला हमला

पत्रकारों से बातचीत में शरद पवार ने कहा कि पता नहीं कि भाजपा इस मुद्दे का इस्तेमाल राजनीतिक या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए कर रही है। हमें खुशी है कि मंदिर बन रहा है।

Updated: Dec 28, 2023, 12:13 PM IST

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा राम मंदिर के उद्घाटन के बहाने ध्रुवीकरण में जुट गई है। राम मंदिर के उद्घाटन समारोह को भाजपा द्वारा सियासी इवेंट बनाया जा रहा है। धर्म के नाम पर राजनीति करने को लेकर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा राम मंदिर के नाम पर राजनीति कर रही है।

शरद पवार ने कहा कि भाजपा के पास लोगों का समर्थन पाने के लिए कोई ठोस आधार नहीं है, इसलिए ऐसा लग रहा है कि भाजपा राम मंदिर का इस्तेमाल करके लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है। ये समझ नहीं आ रहा है कि भाजपा इस मुद्दे को राजनीति के लिए या व्यवसायिक मतलब के लिए इस्तेमाल कर रही है। हालांकि हम खुश हैं कि मंदिर बन रहा है, जिसके लिए बहुत लोगों ने दान दिया है।

राम मंदिर के राजनीतीकरण पर विपक्ष के कई अन्य नेताओं ने भी हमला बोला है। सीपीआई-एम के पोलित ब्यूरो की सदस्य बृंदा करात ने मंगलवार को कहा था कि उनकी पार्टी राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल नहीं होगी, क्योंकि यह धर्म का राजनीतिकरण करने के लिए किया जा रहा कार्यक्रम है। करात ने कहा कि उनकी पार्टी धार्मिक भावनाओं का सम्मान करती है। लेकिन, भाजपा राजनीति के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रही है, जो गलत है।

बताया जा रहा है कि 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले पीएम मोदी 30 दिसंबर को अयोध्या में एक हवाई अड्डे का उद्घाटन करने के बाद एक रोड शो करने और एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करने वाले हैं। राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 6,000 से अधिक लोगों के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने की उम्मीद है।

राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी शामिल नहीं होंगी। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हेल्थ इश्यू की वजह से इवेंट में हिस्सा नहीं लेंगे। मंदिर ट्रस्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी को भी निमंत्रण भेजा है।