किसान नेता राकेश टिकैत की गांधीगीरी, सरकार की लगाई कीलों पर बोए फूल

भारतीय किसान संघ के प्रवक्ता राकेश टिकैत की अनूठी पहल, गांव-गांव से मंगवाई मिट्टी पर लगाए फूल के पौधे

Updated: Feb 05, 2021, 02:51 PM IST

Photo Courtesy : Aajtak
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नई दिल्ली। "जो तोकू काँटा बुवै, ताहि बोय तू फूल...यानी जो आपके लिए कांटे बो रहा हो, उसके लिए भी आप फूल ही बोइए...संत कबीर के मशहूर दोहे में दिए इस संदेश को आज किसानों ने वाकई धरती पर उतार दिया। दिल्ली-यूपी के गाज़ीपुर बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने आज अपने नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में कुछ ऐसा किया, जिससे इस आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश में लगे लोगों की आंखें भी शायद खुल जाएं। 

सरकार ने जिस जगह पर किसानों के लिए लोहे की नुकीली कीलें लगाईं थीं, वहां किसानों ने आज मिट्टी डालकर फूल बो दिए। इस दौरान वहां बड़ी तादाद में मौजूद मीडिया के लोगों से राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार कांटे, बोए हम तो फूल बोएंगे। गाजीपुर बॉर्डर पर फूल बोने के लिए राकेश टिकैत का फावड़ा चलाते वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को साझा करते हुए कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने भी कबीर के उसी दोहे को याद किया है, जिसकी चर्चा हमने खबर की शुरुआत में की है। 

निरुपम ने ट्वीट किया, 'कबीर की पंक्तियाँ हैं- जो तोकू काँटा बुवै,ताहि बोय तू फूल। सरकार ने जहाँ कीलें बोयी, उसी जगह पर फूल बोने का उपक्रम करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत।' 

बताया जा रहा है कि कीलों वाली जगह पर फूल बोने के लिए टिकैत ने अपने गांव से दो डंपर भरकर मिट्टी मंगाई।  उसी मिट्टी में फूल बोया गया। इसके लिए देशभर के किसान अलग-अलग हिस्सों से पानी भी लेकर आए हैं। इस दौरान टिकैत ने कहा, 'यहां भी खेती करेंगे। सरकार कांटे बोएगी, हम फूल बोएंगे।' टिकैत की कीलों वाली जगह पर फूल बोने की तस्वीरें बताती हैं कि तमाम कठिनाइयों और आरोपों का सामना करने के बाद भी देश के किसान आज भी संत कबीर और महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों के बताए सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलना चाहते हैं।

कल किसान करेंगे चक्काजाम

पिछले ढाई महीनों से कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कल चक्का जाम का ऐलान किया है। हालांकि, अब बताया गया है कि कल दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्काजाम नहीं किया जाएगा। इन इलाकों में किसान सिर्फ जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे। 

राकेश टिकैत ने यह भी बताया कि चक्का जाम दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक यानी सिर्फ तीन घंटे का होगा। इस दौरान लोग अपने-अपने इलाकों में सड़कों को जाम करेंगे और रास्तों पर बैठकर विरोध दर्ज कराएंगे। चक्काजाम में शामिल किसान जगह-जगह लोगों में मूंगफली, चने, पानी, फल और खाने-पीने की अन्य चीजें भी बांटेंगे। इतना ही नहीं, किसान नेताओं ने पहले से ही कहा है कि लोगों को परेशान करने का उनका कोई इरादा नहीं है। चक्काजाम के दौरान एंबुलेंस, सरकारी गाड़ियों और किसी भी जरूरी सेवा से जुड़े लोगों को नहीं रोका जाएगा। किसान नेताओं ने कहा है कि वे इस दौरान लोगों को होने वाली परेशानी के लिए उनसे हाथ जोड़कर माफी मांगने को भी तैयार हैं।