ब्रीफकेस से बहीखाता, फिर टैबलेट और App तक, ऐसा रहा है आम बजट का सफर

बजट पेश करने का अंदाज बदलने को लेकर सुर्खियों में रहती हैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, पिछले तीन सालों में आम बजट ने ब्रीफकेस से लेकर बहीखाते और फिर डिजिटल रूप टैबलेट तक का सफर पूरा कर लिया है

Updated: Feb 01, 2022, 05:15 AM IST

नई दिल्ली। आम बजट पर आज पूरे देश की नजरें टिकी हुई है। इस बार के बजट में क्या कुछ खास रहने वाला है, हेल्थ सेक्टर को क्या मिला, कृषि सेक्टर के लिए क्या ऐलान हुए, मध्यम वर्ग के लिए बजट में क्या खास है, इत्यादि में लगभग सभी की नजरें रहती हैं। लेकिन हम आपको आम बजट पेश करने के तरीके में हुई दिलचस्प बदलावों की कहानी बताने जा रहे हैं।

दरअसल, पिछले कुछ सालों में देश की अर्थव्यवस्था में काबिल-ए-गौर तब्दीली भले ही नहीं हुई हो मगर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को कैसे कैरी किया है, इसपर खूब चर्चा हुई है। यह दिलचस्प भी है कि पिछले तीन सालों में ही आम बजट ने ब्रीफकेस से लेकर बहीखाते और फिर डिजिटल रूप टैबलेट तक का सफर पूरा कर लिया है। 

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भारत में साल 2018 तक वित्तमंत्री बजट की अपनी प्रति यानी कॉपी एक ब्रीफकेस में लेकर संसद पहुंचते थे। सन 1947 में जब भारत आजाद हुआ तब देश के पहले वित्त मंत्री आरके शानमुखम चेट्टी ने चमड़े के पोर्टफोलियो बैग में बजट कैरी किया था। उसके बाद 1970 के आसपास पोर्टफोलियो बैग की जगह एक हार्डबाउंड बैग ने ले ली, जिसका रंग वक्त-वक्त पर बदलता रहा।

साल 2019 में निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री बनीं और अपना पहला बजट पेश करने के साथ ही उन्होंने ये परंपरा बदल दी। निर्मला सीतारमण उस साल का बजट बहीखाते में लेकर पहुंचीं। बजट की उनकी प्रति वैवाहिक अथवा शुभ मौकों पर इस्तेमाल होने वाले लाल रंग के बहीखाते में लिपटी हुई थी। तब देशभर में उनके इस कदम की खूब चर्चा हुई थी। इस साल के बजट में देशवासियों के लिए ज्यादा कुछ खास नहीं था। लेकिन केंद्र सरकार का एक संदेश था कि वो ब्रीफकेस के वेस्टर्न तौर-तरीकों को त्याग कर स्वदेशी बहीखाते की परंपरा शुरू कर रही है।

दरअसल, ब्रीफकेस लाने का चलन भारत में ब्रिटिश अधिकारियों ने शुरू किया था, जबकि देश में छोटे-बड़े व्यापारियों के बीच सदियों से बहीखाता इस्तेमाल करने की परंपरा रही है। इसके अगले साल 2020 में भी वित्तमंत्री सीतारमण ने बहीखाते में ही बजट पेश किया था। लेकिन अगले ही साल यानी 2021 में वित्त मंत्री ने आम बजट को एक नए रूप में पेश किया।

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तब भारत कोविड-19 की पहली लहर से गुजर चुका था और दूसरी लहर की शुरुआत हो रही थी। ऐसे में कोविड-19 प्रोटोकॉल और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, साथ ही पीएम मोदी के 'डिजिटल इंडिया' अभियान को बल देते हुए वित्त मंत्री ने अपना बजट टैबलेट में पेश किया। इस दौरान बताया गया कि सरकार ने आत्मनिर्भर भारत का संदेश देने के लिए 'मेड इन इंडिया टैबलेट' से बजट पेश किया है। 

इस दौरान सरकार ने बजट से जुड़ा ऐप 'Union Budget Mobile App' भी लॉन्च किया। इससे सांसदों-नेताओं के साथ-साथ आम जनता के लिए भी बजट के डॉक्युमेंट्स तक पहुंच आसान हुई। इस बार भी वित्तमंत्री डिजिटल बजट ही पेश कर रही हैं। डिजिटल बजट में सरकार बस एक ही टैबलेट में अपनी प्रति रखती है और सांसदों को भी बजट की प्रति नहीं जारी की जाती है। उनको भी डिजिटली ही एक्सेस करना होता है। हालांकि, कई सांसदों ने इसका विरोध करते हुए हार्डकॉपी की माग की है। सांसदों का कहना है कि सिर्फ डिजिटल वर्जन से वे सहज नहीं हैं।