गोल मटोल और हास्यास्पद बातें न करे संजय जायसवाल, धमकी मिलने पर जेडीयू ने किया पलटवार

जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार बीजेपी के अध्यक्ष की फेसबुक पोस्ट पर करारा जवाब दिया है, उन्होंने संजय जायसवाल को पत्र लिखकर हास्यास्पद बातें न करने की सलाह दी है

Updated: Jan 17, 2022, 02:27 PM IST

पटना। बिहार सरकार में सम्राट अशोक के मसले पर खींचतान जारी है। बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल द्वारा गठबंधन छोड़ने की धमकी दिये जाने के बाद जेडीयू ने भी भाजपा नेता के बयान पर पलटवार किया है। जेडीयू ने कहा है कि संजय जायसवाल हास्यास्पद पर भटकाव पैदा करने जैसी बातें कर रहे हैं। 

बिहार बीजेपी के अध्यक्ष द्वारा गठबंधन से नाता तोड़ने की धमकी मिलने के बाद जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने संजय जायसवाल को खरी खरी सुना दी है। उपेंद्र कुशवाहा ने संजय जायसवाल के बयान की खिल्ली उड़ाते हुए कहा है कि संजय जायसवाल खुद गोल मटोल और भटकाव पैदा करने वाली बातें कर रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने साफ शब्दों में कहा है कि जब तक दया प्रसाद सिन्हा से पद्म श्री वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक जेडीयू प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति से यह मांग उठाती रहेगी। भले ही पुरस्कार राष्ट्रपति जी वासप करें या प्रधानमंत्री जी।

उपेंद्र कुशवाहा ने संजय जायसवाल के बयान के बाद भाजपा नेता को चिट्ठी लिखी है, जिसमें जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष ने इस पूरे मामले में संजय जायसवाल को अपनी पार्टी का स्टैंड बता दिया है। इसके साथ ही कुशवाहा ने संजय जायसवाल पर दोहरा मापदंड अपनाने का भी आरोप लगाया है। उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि संजय जायसवाल खुद गोल मटोल और हास्यास्पद बातें कर रहे हैं।

उपेंद्र कुशवाहा ने अपने पत्र में संजय जायसवाल से सबसे पहले इस पूरे मामले में अपनी पार्टी का स्पष्ट स्टैंड रखने के लिये कहा। कुशवाहा ने कहा कि पहले आप यह स्पष्ट करिये कि दया प्रसाद सिन्हा के बयान को आप अपमानजनक मानते हैं या नहीं? इसे इतिहास का साथ छेड़छाड़ मानते हैं या नहीं? दया प्रसाद की पुरस्कार वापसी की मांग का बीजेपी समर्थन करती है या नहीं?

 इसके साथ ही उन्होंने बिहार बीजेपी के अध्यक्ष को दोहरा मापदंड न अपनाने की सलाह भी दे डाली। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि एक तरफ आप खुद पहलवान सुशील कुमार का हवाला देकर यह कह रहे हैं कि राज्य सरकार दया प्रसाद सिन्हा को आपकी मांग पर गिरफ्तार करे, और इसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलकर दया प्रसाद सिन्हा का पुरस्कार वापस लिये जाने की मांग करे। उपेंद्र कुशवाहा ने संजय जायसवाल की दलील पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि एक तरफ आप खुद कह रहे हैं कि पहलवान सुशील कुमार को सज़ा मिलने के बावजूद उससे पुरस्कार वापस नहीं लिया गया और दूसरी तरफ आप खुद यह कह रहे हैं कि दया प्रसाद सिन्हा के सजायाफ्ता होने के बाद पुरस्कार वापसी की मांग की जाये। यह हास्यास्पद नहीं है तो और क्या है?

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क्या है मामला 

दरअसल पद्म श्री के पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार दया प्रसाद सिन्हा ने हाल ही में सम्राट अशोक की तुलना औरंगज़ेब से कर दी थी। जिसके बाद से ही बिहार में सियासी बवाल शुरु हो गया है। जेडीयू के कई नेता ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति को टैग कर दया प्रसाद सिन्हा का पुरस्कार वापस लिये जाने की मांग कर रहे हैं। जबकि बीजेपी जेडीयू के इस रुख का विरोध कर रही है। यही वजह है कि दोनों पार्टियां एक ही सरकार में होने के बावजूद इस समय आमने सामने हैं।