कोरोना वैक्सीन लगवाने के 16 घंटे बाद हेल्थ वर्कर की मौत

कर्नाटक के एक स्वास्थ्य कर्मी को 19 जनवरी की सुबह करीब 11.30 बजे टीका लगाया गया, रात 2.30 बजे उन्होंने छाती में दर्द की शिकायत की, सुबह 5.30 बजे अस्पताल ले जाने तक उनकी मौत हो चुकी थी

Updated: Jan 20, 2021, 12:38 PM IST

Photo Courtesy : Business Standard
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बेंगलुरु। कर्नाटक में आज फिर एक स्वास्थ्यकर्मी का कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि मृतक स्वास्थ्यकर्मी की मौत कोरोना वैक्सीन लगवाने के महज 16 घंटे बाद हो गई। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि स्वास्थ्यकर्मी की मौत का वैक्सीन से कोई लेना-देना नहीं है।

कर्नाटक के जन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक निर्मल जिले के एक स्वास्थ्यकर्मी को मंगलवार 19 जनवरी को सुबह करीब 11.30 बजे टीका लगाया गया था। इसके बाद बीती रात करीब 2.30 बजे उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की। बुधवार सुबह 5.30 बजे जबतक उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

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मामले पर स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि उनकी मौत कोरोना वैक्सीन लगवाने की वजह से नहीं हुई है। बहरहाल, डॉक्टरों की टीम मृतक के शव का पोस्टमार्टम करेगी जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही किसी नतीजे तक पहुंचा जा सकता है। निर्मल जिले की ऐईएफआई कमेटी को इस पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है जो अपनी रिपोर्ट राज्य के ऐईएफआई कमेटी को सौंपेगी। इसके बाद राज्य द्वारा यह रिपोर्ट केंद्र को भेजी जाएगी।

पहले भी वैक्सीन लगाने के बाद मौत का मामला सामने आ चुका है

गौरतलब है कि कर्नाटक में इसके दो दिन पहले पहले भी वैक्सीन लगवाने के बाद स्वास्थ्यकर्मी की मौत का मामला सामने आ चुका है। सोमवार को भी एक 43 वर्षीय स्वास्थ्य कर्मचारी की मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक उसने मौत के ठीक दो दिन पहले वैक्सीन लगवाया था। हालांकि, राज्य स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया कि यह मौत एक संयोग मात्र है और इसका टीके से कोई लेनादेना नहीं है। उनका दावा है कि बेल्लारी जिले के नागराजू की मौत हार्ट अटैक से हुई है।

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तीन दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में भी 17 जनवरी को एक वार्ड बॉय की मौत वैक्सीन लगवाने के बाद हुई थी। 46 वर्षीय मृतक महिपाल सिंह की मौत का कारण भी स्वास्थ्य विभाग ने हार्ट अटैक ही बताया था। यह दावा भी किया गया था कि वैक्सीन लेने के बाद वह ठीक से काम कर रहे थे। हालांकि मृतक महिपाल सिंह के बेटे ने दावा किया था कि टीका लेने के तुरंत बाद से ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी थी।

टीकों की विश्वसनीयता को लेकर शुरू से उठ रहे हैं गंभीर सवाल

गौरतलब है कि देशभर में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान की शुरूआत हुई है जिसके बाद अबतक साढ़े चार लाख से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जा चुका है। लेकिन देश में लगाए जा रहे टीकों खासकर कोवैक्सीन के टीके को लेकर लगातार गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसके पहले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोवैक्सीन के टीके के ट्रायल के दौरान ही एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। मृतक दीपक मरावी के घरवालों का आरोप था कि वैक्सीन लगवाने के बाद से वह लगातार बीमार चल रहे थे। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इसे भी महज एक संयोग बताते हुए दावा किया था कि वैक्सीन से दीपक के मौत का कोई लेना देना नहीं है।