अगर कांग्रेस चाहे तो हम सब मिलकर साथ में अगला चुनाव लड़ सकते हैं, सीएम ममता ने फिर किया विपक्षी एकता का आह्वान

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर विपक्षी एकता का आह्वान किया है, उन्होंने कहा है कि अगर कांग्रेस पार्टी चाहे तो हम साथ मिलकर अगला लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं

Publish: Mar 11, 2022, 11:19 AM IST

कोलकाता। चुनावी राज्यों के नतीजों के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तेवर कांग्रेस के प्रति एक बार फिर नरम होने लगे हैं। सीएम ममता ने कांग्रेस पार्टी से साथ आने का आह्वान करते हुए कहा है कि अगर कांग्रेस पार्टी चाहे तो हम साथ मिलकर अगला लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह जीत बीजेपी के लिए बड़ी क्षति साबित होगी।

टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि अगर कांग्रेस चाहे तो हम सब मिलकर 2024 का आम चुनाव लड़ सकते हैं। अभी के लिए आक्रामक न हों, सकारात्मक रहें। यह जीत (4 राज्यों में विधानसभा चुनाव) भाजपा के लिए एक बड़ी क्षति होगी। 2022 के चुनाव परिणाम 2024 चुनावों के भाग्य का फैसला करेंगे। 

वहीं ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के परिणामों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि EVM की लूट हुई है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को निराश नहीं होना चाहिए और उन्हें EVM मशीनों की फॉरेंसिक जांच करानी चाहिए। अखिलेश यादव का वोट प्रतिशत इस बार 20% से बढ़कर 37% हुआ है। 

पश्चिम बंगाल में तीसरी बार सत्ता पर काबिज़ होने के बाद जुलाई महीने में ममता बनर्जी विपक्षी एकजुटता के रथ पर सवार होकर दिल्ली आई थीं। दिल्ली पहुंच कर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात भी की थी। लेकिन जल्द ही ममता बनर्जी ने अपने इरादे बदल लिए। नवंबर महीना आते आते तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस पार्टी में सेंधमारी शुरू कर दी। कीर्ति आजाद, मुकुल संगमा, अशोक तंवर जैसे कई नेताओं को ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी में शामिल करा लिया। 

मेघालय में टीएमसी कांग्रेस के भीतर हुई बड़ी टूट की वजह बनी। महाराष्ट्र पहुंचकर ममता बनर्जी ने यूपीए के अस्तित्व तक को खारिज कर दिया। लेकिन अब चुनावी राज्यों में बीजेपी को मिली जीत के बाद एक बार फिर सीएम ममता बनर्जी ने अपना राजनीतिक रुख कांग्रेस की ओर कर लिया है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के वक्त उनके रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने भी कहा है कि राज्यों के परिणामों के आधार पर लोकसभा चुनावों का अनुमान नहीं लगाया जा सकता। असली लड़ाई अगले चुनाव के वक्त ही होगी।