मोदी ने मन की बात में नहीं दिया राहुल की चुनौती का जवाब, जॉब और किसानों पर फोकस नहीं

मन की बात से पहले राहुल गांधी ने पीएम मोदी को दी थी रोज़गार और किसानों के मसले पर बोलने की चुनौती, सोशल मीडिया पर भी 'जॉब की बात' और 'किसान की बात' करते रहे ट्रेंड

Updated: Feb 28, 2021, 08:14 AM IST

Photo Courtesy: Hindustan Times
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने मन की बात में न तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी की चुनौती का जवाब दिया और न ही सोशल मीडिया के जरिए उठ रही मांग पर गौर फरमाने की ज़रूरत समझी। उनके संबोधन का फोकस किसानों और रोजगार जैसे मसलों पर नहीं रहा। इसकी बजाय उन्होंने इस जीवन में तमिल भाषा न सीख पाने पर अफसोस जाहिर करने समेत दूसरी बातों की चर्चा करना बेहतर समझा।

दरअसल आज मोदी के मन की बात कार्यक्रम से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनौती दी कि अगर हिम्मत है तो वे अपने कार्यक्रम में किसानों और रोजगार पर बात करें। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री से किसानों और रोजगार के मुद्दे पर बात करने की मांग की जाती रही। इसके लिए ट्विटर पर जॉब की बात और किसान की बात जैसे हैशटैग ट्रेंड भी करते रहे।

लेकिन इन तमाम चुनौतियों और मांगों को नज़रअंदाज़ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने देश से वही बातें कीं, जो उनके मन में थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने आज अपने संबोधन में माघ पूर्णिमा की चर्चा की। साथ ही युवाओं को संत रविदास से सीखने और अपने लक्ष्य खुद निर्धारित करने जैसी सलाह भी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यक्रम में यह भी कहा कि उन्हें अपने जीवन में एकमात्र कमी यही लगती है कि वे दुनिया की प्राचीन भाषाओं में से एक तमिल नहीं सीख पाए। मोदी ने कहा कि बहुत से लोगों ने उन्हें तमिल भाषा के साहित्य और कविताओं की गहराई के बारे में बताया है। लेकिन उन्हें अफसोस है कि वे खुद तमिल भाषा नहीं सीख पाए।

ध्यान रहे कि जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम घोषित हो चुके हैं, उनमें तमिलभाषी राज्य तमिलनाडु और पुदुच्चेरी भी शामिल हैं। सी वोटर के ताज़ा ओपिनियन पोल के मुताबिक तमिलनाडु में बीजेपी की सहयोगी पार्टी AIDMK के हाथों से सत्ता खिसकती नज़र आ रही है। वहां डीएमके-कांग्रेस गठबंधन के लंबे समय बाद सत्ता में वापसी करने की संभावना बताई जा रही है।