करनाल में जारी रहेगा किसानों का प्रदर्शन, राकेश टिकैत ने की घोषणा

राकेश टिकैत ने कहा कि करनाल प्रशासन ने अड़ियल रवैया अपना रखा है, प्रशासन किसानों के खिलाफ आदेश देने वाले अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तैयार नहीं है, टिकैत ने आरोप लगाया कि करनाल प्रशासन को चंडीगढ़ से निर्देश मिल रहे हैं

Updated: Sep 08, 2021, 12:45 PM IST

करनाल। 28 अगस्त को किसानों के खिलाफ हुई बर्बरता के खिलाफ किसानों का करनाल में आंदोलन जारी रहेगा। किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रदर्शन जारी रखने की घोषणा की है। राकेश टिकैत ने करनाल प्रशासन पर चंडीगढ़ यानी हरियाणा सरकार के निर्देश पर काम करने का आरोप लगाया है।  

राकेश टिकैत ने करनाल प्रशासन से बातचीत विफल होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह घोषणा की कि जब तक करनाल प्रशासन किसानों के ऊपर बर्बरतापूर्ण तरीके से लाठीचार्ज करने का आदेश देने वाले अफसर पर कार्रवाई नहीं करती। राकेश टिकैत ने करनाल प्रशासन के साथ तीन घंटे लंबी चली बैठक को लेकर कहा कि करनाल प्रशासन ने हमारी मांगों के प्रति अड़ियल रुख अपना रखा है, ऐसा लग रहा है जैसे प्रशासन हर काम चंडीगढ़ के दिशानिर्देश पर काम कर रहा है।  

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राकेश टिकैत ने कहा कि हम चाहते हैं कि किसानों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले अफसर पर 307 और 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए। राकेश टिकैत ने आगे की योजना के बारे में बताते हुए कहा कि करनाल प्रशासन द्वारा मांगें न माने जाने तक करनाल में प्रदर्शन जारी रहेगा। टिकैत ने कहा कि अब यहां भी यूपी और पंजाब सहित अन्य राज्यों से किसान आएंगे। 

हालांकि टिकैत ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन जस का तस जारी रहेगा। वहां पर आंदोलन कर रहे लोग फिलहाल वहीं डटे रहेंगे। किसान नेता ने  कहा कि हम चाहते हैं कि एक आंदोलन का एक मोर्चा प्रभावित न हो। दिल्ली की सीमाओं  पर प्रदर्शन बदस्तूर जारी रहे।  

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करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ किसान नेताओं के नेतृत्व में भारी संख्या में किसान कल से ही करनाल में डटे हुए हैं। सभी किसान एक सुर में किसानों के सिर फोड़ डालने का आदेश देने वाले अधिकारी आयुष सिन्हा पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। मंगलवार को किसान नेताओं की 11 सदस्यीय कमेटी से करनाल प्रशासन ने बातचीत भी की थी, लेकिन यह बातचीत विफल रही। जिसके बाद किसानों ने लघु सचिवालय की ओर रुख कर लिया।

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इस दौरान योगेंद्र यादव और राकेश टिकैत सहित अन्य नेताओं को थोड़ी देर के लिए करनाल प्रशासन ने अपनी गिरफ्त में ज़रूर लिया, लेकिन किसानों के दबाव में करनाल प्रशासन ने किसान नेताओं को जल्द ही छोड़ दिया। आज दोपहर दो बजे से एक बार फिर किसान नेताओं और करनाल प्रशासन की बातचीत शुरू हुई, लेकिन यह बातचीत भी विफल साबित हो गई।