पीएम की सुरक्षा चूक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिये निर्देश, ट्रेवल रिकॉर्ड को करें सील

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब पुलिस के अधिकारियों, एसपीजी सहित केंद्रीय एजेंसियों को प्रधानमंत्री के ट्रेवल रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने के लिये ज़रूरी सहायता मुहैया कराने के निर्देश दिये हैं, इस मामले में अगली सुनवाई अब दस जनवरी को होगी

Updated: Jan 07, 2022, 09:55 AM IST

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित सुरक्षा मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुये प्रधानमंत्री मोदी के ट्रेवल रिकॉर्ड सील करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही कोर्ट ने रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने के लिये एजेंसियों को ज़रूरी सहायता मुहैया कराने के भी निर्देश दिये। इस मामले में अब अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी। 

शुक्रवार को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कथित चूक मामले में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमन्ना ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुयी चूक और लापरवाही के कारणों का पता करने की ज़रूरत है। लेकिन सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पूरे मामले को क्रॉस बॉर्डर टेररिज़्म से जोड़ते हुए कहा कि यह सिर्फ सुरक्षा में हुई चूक का ही मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि इस घटना से भारत की विश्व भर में किरकिरी हुई है। जबकि पंजाब के एडवोकेट जनरल डीएस पटवालिया ने यह साफ किया कि राज्य सरकार इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रही है। इसके साथ ही सरकार इस पूरे मामले की जाँच के लिये तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित कर चूकी है। 

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सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिये दस जनवरी की तारीख तय करते हुए पंजाब हरियाणा कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को प्रधानमंत्री मोदी की ट्रेवल हिस्ट्री के रिकॉर्ड को सील करने के निर्देश दे दिये। इसके साथ ही अदालत ने इस मामले में पंजाब पुलिस के अधिकारियों, एसपीजी, व अन्य एजेंसियों को सहयोग करने के भी निर्देश दिेये। 

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दूसरी तरफ प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुयी कथित चूक से जुड़ा एक नया वीडियो सामने आया है। जिसने कई तरह के सवाल खड़े कर दिये हैं। वीडियो में प्रधानमंत्री के काफिले के पास बीजेपी का झंडा थामे कुछ लोग प्रधानमंत्री के ज़िंदाबाद के नारे लगाते हुए दिख रहे हैं। जबकि इस पूरे मामले में पंजाब सरकार पर आरोप मढ़ते हुए बीजेपी के नेता यह आरोप लगा रहे थे कि प्रधानमंत्री के काफिले के सामने प्रदर्शनकारी एकत्रित हो गये थे। खुद पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि जिस जगह प्रदर्शनकारी प्रदर्शन कर रहे थे, प्रधानमंत्री का काफिला उस जगह से बहुत पहले खड़ा हुआ था। पंजाब सरकार द्वारा गठित कमेटी ने गृह मंत्रालय को अपनी शुरुआती रिपोर्ट भी भेजी है, जिसमें कमेटी ने कहा है कि प्रधानमंत्री के दौरे के समय पूरे पंजाब में प्रधानमंत्री मोदी का विरोध हो रहा था, लेकिन उनकी सुरक्षा को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं था।