यशवंत सिन्हा होंगे विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार, सहमति के बाद कांग्रेस का ऐलान
यशवंत सिन्हा के ट्वीट से बढ़े थे क़यास, जिसमें लिखा है कि, अब समय आ गया है जब वृहद विपक्षी एकता के व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से अलग होना होगा, विपक्षी दलों की बैठक के दौरान आम सहमति के बाद ऐलान, 27 जून को नामांकन
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की ओर से संयुक्त उम्मीदवार हैं। विपक्षी दलों की बैठक के बाद कांग्रेस ने मंगलवार को इसका औपचारिक ऐलान किया। वे 27 जून को नामांकन दाखिल करेंगे। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस दौरान कहा कि हम ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रपति बनाना चाहते हैं जो संविधान की रक्षा करे।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनके नाम की पेशकश की थी। मंगलवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक के दौरान सिन्हा के नाम पर आम सहमति बन गई। इससे पहले सिन्हा ने टीएमसी से इस्तीफा देने का भी ऐलान किया था। इसके बाद ही कयास लग रहे थे कि उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाएगा।
यशवंत सिन्हा ने मंगलवार सुबह एक ट्वीट में लिखा, 'ममता जी ने जो सम्मान मुझे तृणमूल कांग्रेस में दिया, मैं उसके लिए उनका आभारी हूं। अब समय आ गया है जब वृहद विपक्षी एकता के व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से अलग होना होगा। मुझे यकीन है कि वह (ममता) इसकी अनुमति देंगी।'
I am grateful to Mamataji for the honour and prestige she bestowed on me in the TMC. Now a time has come when for a larger national cause I must step aside from the party to work for greater opposition unity. I am sure she approves of the step.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) June 21, 2022
बता दें कि देश में 18 जुलाई को होने राष्ट्रपति पद के चुनाव होने हैं। संयुक्त उम्मीदवार पर सहमति बनाने के लिए विपक्षी दलों की मंगलवार को दिल्ली में बैठक हुई जिसमें कई दलों के नेता शामिल रहे। महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बावजूद भी एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार इस बैठक में मौजूद रहे है।
इससे पहले विपक्ष की ओर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के चीफ शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी को उम्मीदवार बनाए जाने की भी चर्चा थी। हालांकि, तीनों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। ऐसे में अब यशवंत सिन्हा के नाम पर ही अंतिम फैसला लिया गया।
बता दें कि यशवंत सिन्हा वाजपेई सरकार में वित्त और विदेश मंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि, उन्होंने साल 2018 में मोदी सरकार की नीतियों के कारण बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह टीएमसी में शामिल हो गए थे। उधर सत्ताधारी दल बीजेपी की ओर से भी राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। हालांकि, बताया जा रहा है कि किसी महिला, मुस्लिम, दलित या दक्षिण भारत की किसी हस्ती के नाम पर विचार कर रही है।