Somvati Amavasya : 47 साल बाद बना अद्भुत संयोग

आज सावन सोमवार,सोमवती अमावस्या और हरियाली अमावस्या का शुभ संयोग है। यह दिन भगवान आशुतोष, माता पार्वती, गणेशजी और कार्तिकेय की पूजा का दिन है।

Publish: Jul 21, 2020, 12:58 AM IST

अमावस्या जब सोमवार के दिन पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। सावन महीने में आने के कारण इसे हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन शिवजी का जलाभिषेक करना भी विशेष फलदायी होता है। अमावस्या के दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए श्राद्ध कर्म करना उपयुक्त माना जाता है। मान्यता है कि अमावस्या तिथि पर कालसर्प दोष पूजा की पूजा फलदाई होती है।

47 साल बाद बना अद्भुत संयोग

इस साल सावन महीने में कई खास संयोग बने हैं। सावन की शुरुआत सोमवार से हुई है और श्रावणी पूर्णिमा को सोमवार के दिन ही ये महीना खत्म भी होगा। श्रावणी पूर्णिमा और अमावस्या भी सोमवार के दिन ही पड़ रही है। ऐसा संयोग 47 साल बाद बन रहा है। इस साल हरियाली अमावस्या के दिन चंद्र, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह अपनी-अपनी राशियों में हैं। ग्रहों की इस स्थिति का शुभ प्रभाव कई राशियों पर देखने को मिलेगा।

शिव परिवार के पूजन का है विधान

सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव, पार्वती, गणेशजी और कार्तिकेय की पूजा की जाती है। इस दिन जलाभिषेक करना भी विशेष रूप से फलदायी बताया गया है। महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं। अमावस्या को महिलाएं तुलसी या पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा भी करती हैं। कई जगह अमावस्या पर पितर देवताओं की पूजा और श्राद्ध करने की भी परंपरा है। हरियाली अमावस और सोमवती अमावस पर गंगा,नर्मदा जैसी पवित्र नदियों में स्नान महत्व बहुत है। लेकिन कोरोना महामारी के कारण नदियों में स्नान पर रोक लगी होने की स्थिति में घर में ही पानी में गंगाजल डालकर भगवान का स्मरण किया जा सकता है।

पौधा रोपण से गृहदोष होंगे शांत

हरियाली अमावस्या पर पौधरोपण किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन पौधारोपण करने से ग्रह दोष शांत होते हैं। पीपल, बरगद, केला, नींबू या तुलसी का पौधा रोपण किया जाता है। इस तिथि को तर्पण, स्नान, दान आदि के लिये बहुत ही पुण्य फलदायी माना जाता है। अमावस्या पर सूर्य देव को अर्घ्य देकर पितरों के निमित्त तर्पण का विधान है। इस दिन कई जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा देना विशेष फलदायक होगा। हरियाली अमावस पर पीपल के वृक्ष की पूजा करें।   

हरियाली अमावस्या पर दान का है महत्व
अमावस्या पर स्नान करके भगवान शिव और पार्वती की पूजा करनी चाहिए। माता पार्वती की पूजा करने के बाद महिलाओं को सुहाग सामग्री बांटनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन जो भी महिला सुहाग सबंधी सामग्री जैसे हरी चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी बांटती है उसके सुहाग की आयु लंबी होती है और घर में खुशहाली बनी रहती है। हरियाली अमावस्या के दिन पीपल और तुलसी के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और प्रसाद में मालपुआ का भोग लगाना चाहिए। जो लोग इस दिन उपवास रखते हैं वो शाम को भोजन ग्रहण करके अपना व्रत खोलते हैं।

उपाय से आएगी जीवन में खुशहाली

  • अमावस्या के दिन मछलियों या चीटियों को आटा और शक्कार जरूर खिलाएं।
  • हरियाली अमावस्या के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी को चोला चढ़ाएं ।
  • हरियाली अमावस्या पर घर के ईशान कोण में घी का दीपक जालाएं, ऐसा करने से इस दरिद्रता दूर होती है, लक्ष्मी जी का आशीर्वाद मिलता है।
  • शिव परिवार की विधिवत पूजा करें और उन्हें खीर का भोग लगाएं। ऐसा करने से आपकी मनोकामना शीघ्र ही पूरी होगी, भगवान शिव की कृपा भी प्राप्त होगी।