रूस यूक्रेन जंग में नक्सलियों ने की शांति की पैरवी, हिंसा छोड़ दुनिया में अमन क़ायम करने की अपील

युद्ध के विरोध में बस्तर के नक्सलियों का प्रदर्शन, अमरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का जलाया पुतला, बोले- हमें युद्ध नहीं शांति चाहिए, शोषण नहीं पोषण चाहिए

Updated: Apr 01, 2022, 11:16 AM IST

बस्तर। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को रोकने के लिए यूएन समेत दुनियाभर की शक्तियां प्रयासरत हैं। लेकिन जंग रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस लड़ाई में बस्तर के नक्सलियों की भी एंट्री हो गई है। आए दिन जंगलों में खून-खराबा करने वाले इन नक्सलियों में रूस-यूक्रेन जंग में शांति की पैरवी की है। उन्होंने रूस को कहा है कि हिंसा छोड़ो और दुनिया में अमन चैन कायम करो।

रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरुवार को बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित गंगालूर में काफी संख्या में नक्सली इकट्ठा हुए। इस दौरान उन्होंने रूस और अमेरिका के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। नक्सलियों ने ग्रामीणों के सामने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पुतला दहन भी किया। साथ ही नाटो को रद्द करने की मांग भी की है। 

बस्तर से जो वीडियो सामने आए हैं उसमें एक व्यक्ति पर्चा देखकर पढ़ रहा है और आसपास में बहुत सारे लोग खड़े हैं। युवक बाइडेन-ट्रंप मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए कहता है कि हमें युद्ध नहीं शांति चाहिए, पोषण नहीं शोषण चाहिए। इस दौरान युद्ध का विरोध कर रहे नक्सलियों ने कहा की पूरी दुनिया की भलाई इसी में है कि दोनों देशों के बीच युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त कद दिया जाए और बातचीत के जरिए इस संकट का हल निकाला जाए।

नक्सलियों ने यह भी कहा है कि अमेरिका और यूरोपियन यूनियन ने रूस के खिलाफ जितने भी प्रतिबंध लगाए गए हैं, उन्हें खत्म कर करे। युद्ध और प्रतिबंध की वजह से हमारे देश में पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को गोला बारूद नहीं बल्कि गोली/दवा चाहिए। गंगालूर इलाके के जंगल में जिस जगह युद्ध के खिलाफ यह प्रदर्शन किया गया वहां पीछे नक्सलियों का अपना बैनर भी बंध रखा था। बैनर में भी नक्सलियों ने भी रूस-यूक्रेन युद्ध के विरोध में बात लिखी है। 

सेंट्रल कमेटी ने भी किया था युद्ध का विरोध

बता दें की हफ्तेभर पहले ही रूस और यूक्रेन जंग को लेकर माओवादियों की सेंट्रल कमेटी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। माओवादियों की सेंट्रल कमेटी ने प्रेस नोट जारी कर युद्ध का विरोध किया था। सेंट्रल कमेटी ने कहा था कि युद्ध का पूरे देश पर बुरा असर पड़ रहा है। दुनिया में कच्चे तेल का भाव 110 डॉलर प्रति बैरल हो गया है। जो कुछ दिनों में 150 डॉलर प्रति बैरल को भी छू लेगा। दुनिया को खुशहाल देखने वाले हर व्यक्ति को युद्ध रोकने के लिए आगे आना चाहिए।