Bhupesh Baghel : खेती के परंपरागत तरीकों को अपनाएं किसान

Chhattisgarh : 11 हजार ग्राम पंचायतों में बनेगी 5 हजार गौठान। हर गौठान को हर माह मिलेंगे 10 हजार रूपए

Publish: Jun 15, 2020, 09:06 PM IST

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों को संबोधित करते हुए कृषि सम्बंधित पारम्परिक तौर-तरीकों को इस्तेमाल करने की अपील की। उन्होंने बताया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की एक किश्त किसानों को मिल चुकी है वहीं दूसरी किश्त राजीव जी की जयंती पर 20 अगस्त को मिलेगी। बघेल ने कहा, 'मनरेगा में बहुत से काम हुए हैं, उनमें गौठान निर्माण के काम भी हुए हैं। अभी तक करीब 2200 गौठान का निर्माण हो चुका है। 2800 गौठान निर्माणाधीन हैं, बहुत जल्द वे पूरा हो जाएंगे। हमारे छत्तीसगढ़ में लगभग 11 हजार ग्राम पंचायत है, उनमें से 5 हजार गौठान पूरा हो जाएंगे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 'धान की फसल को बचाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी तब है जब अनाज के बीज अंकुरित होता है, तब उसकी देखभाल करना होता है। ऐसे समय में जब मवेशी खुला चरते हैं, तो भारी नुकसान होता है। रखवारी की समस्या होती है। हमारे छत्तीसगढ़ में मवेशियों के रोका-छेका की व्यवस्था है। पहाटिया लोग मवेशियों की चराई अपनी देख रेख में करते हैं। यह कार्य अलग-अलग गांवों में अलग-अलग समय में होता है।

 

पुराने तौर-तरीकों को अपनाएं किसान

मुख्यमंत्री बघेल ने किसानों से कृषि संबंधित पुरानी व्यवस्थाओं को इस्तेमाल करने का अपील की है। उन्होंने किसानों, ग्रामीणों, पंच-सरपंचों से आग्रह किया है कि गांवों में 19 जून तक रोका-छेका की व्यवस्था कर ली जाए, जिससे फसलों को सुरक्षित रखा जा सके। यह हमारे गांवों की पुरानी व्यवस्था है। इसमें खुले में चरने वाले पशुओं पर रोक लगाने का काम किया जाता है। इससे फसलों की सुरक्षा होती है। यह परंपरा आज भी बहुत उपयोगी है। किसान जब नई फसल लगाते हैं, तो बहुत से सपने लेकर खेत में जाते हैं। कुछ व्यवस्था किसान खुद करते हैं,कुछ व्यवस्था गांव वाले मिलकर करते हैं। किसान व्यक्तिगत तैयारी चाहे वो धान के लिए हो, दलहन, तिलहन या मक्का के लिए हो, वे कर चुके हैं।

गौठान में मिलेगा 10 हजार प्रतिमाह

मुख्‍यमंत्री बघेल ने बताया है कि सरकार प्रतिमाह गौठान को 10,000 रु देगी। उन्होंने कहा, 'मैं किसानों से निवेदन करता हुं कि आप इस साल गौठान का भरपूर सदुपयोग करें और जितनी जल्दी रोका-छेका की व्यवस्था करेंगे, फसलें उतनी ही सुरक्षित रहेंगी। सरकार की ओर से 10 हजार रूपए प्रति माह गौठान को देना तय किया गया है। गौठान में बहुत सी गतिविधि संचालित होनी है। इससे रोजगार के अवसर निर्मित होंगे, खाद भी बनेगी। आजीविका की अनेक प्रकार की व्यवस्थाएं की जाएंगी। इन गतिविधियों में आप सबको बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना है। सबसे पहली जरूरत फसल को बचाने की है, इसके लिए रोका-छेका जरूरी है।