निजी बैंकों को मिली सरकारी कामकाज की छूट, पेंशन-टैक्स समेत तमाम सरकारी योजनाएं चला सकेंगे

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्विटर पर दी फ़ैसले की जानकारी, प्राइवेट बैंकों को भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में बराबर का साझीदार बनाने का दावा

Updated: Feb 24, 2021, 01:57 PM IST

Photo Courtesy : NDTV
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नई दिल्ली। मोदी सरकार ने आज देश के बैंकिंग सिस्टम से जुड़ा बड़ा फ़ैसला किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया है कि देश में अब सभी निजी बैंकों को सरकारी कामकाज करने की छूट मिल जाएगी। वित्त मंत्री ने ट्विटर के ज़रिए इस फ़ैसले की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने सरकारी कामकाज करने के मामले में निजी बैंकों पर लगी पाबंदी अब हटा ली है। वित्त मंत्री ने दावा किया कि सरकार के इस फ़ैसले के बाद अब देश के प्राइवेट बैंक भी भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में सरकारी बैंकों के बराबर के साझीदार बन सकते हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के ज़रिए इस बारे में जारी बयान में कहा गया है, “निजी बैंक अब सरकारी बैंकों के साथ बनेंगे देश के विकास में बराबर के साथी। निजी बैंकों के ऊपर सरकारी व्यवसाय पर लगी रोक हटी। उपभोक्ताओं को मिलेगी बेहतर सेवाएँ व सुविधाएं। सरकार के सामाजिक और वित्तीय समावेश योजनाओं में निजी बैंक भी होंगे भागीदार।”

 

 

डिपार्टमेंट ऑफ फ़ाइनेंशियल सर्विसेज़ की तरफ़ से ट्विटर पर जारी बयान में बताया गया है कि सरकार के इस फ़ैसले के साथ ही अब रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया निजी क्षेत्र के बैंकों को सरकारी कामकाज के लिए अधिकृत कर सकेगा। बयान में बताया गया है कि सरकार ने अपने इस फ़ैसले की जानकारी रिज़र्व बैंक को दे दिया।

सरकार का मानना है कि इस फ़ैसले से न सिर्फ़ सरकार की सामाजिक कल्याण की योजनाओं का दायरा बढ़ेगा, बल्कि ग्राहकों की सुविधा भी बढ़ेगी। प्राइवेट बैंकों पर सरकारी कामकाज करने का प्रतिबंध हट जाने से सरकार से जुड़े बैंकिंग लेनदेन जैसे टैक्स इकट्ठा करने, राजस्व से जुड़े लेनदेन, पेंशन भुगतान (Pension Payments) और किसान बचत पत्र जैसी लघु बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) में भी प्राइवेट बैंकों के जरिये निवेश किया जा सकेगा। आरबीआई आने वाले समय में किसी अन्य सरकारी कामकाज (government businesses) के परिचालन की इजाजत भी प्राइवेट बैंकों को दे सकेगा।

आज वित्त मंत्री ने जैसे ही सरकार के इस फ़ैसले की जानकारी ट्विटर पर दी, निफ्टी के बैंक इंडेक्स में जोरदार उछाल आया। एक्सिस, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी जैसे निजी बैंकों के शेयरों में भी 4 से 5 फीसदी तक का भारी उछाल देखने को मिला।

हालाँकि सरकार के इस फ़ैसले का सरकारी बैंकों के बिज़नेस पर क्या असर पड़ेगा, ये अब तक साफ़ नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकारी बैंक तमाम ऐसी योजनाओं को लागू करने में योगदान करते रहे हैं, जिनमें उन्हें अपने संसाधन तो लगाने पड़ते हैं, लेकिन कोई कमाई नहीं होती। वे अपने सार्वजनिक दायित्व को निभाने के लिए ऐसे काम करते हैं। लेकिन सवाल यह है कि मुनाफ़े के लिए काम करने वाले निजी बैंक ऐसे कामों में हाथ क्यों डालेंगे? वे तो सिर्फ़ उन्हीं योजनाओं में दिलचस्पी लेंगे, जिनमें कमाई की गुंजाइश होगी। तो क्या इसका यह मतलब होगा कि सरकारी योजनाओं में जहां भी भी थोड़ी बहुत मुनाफ़े की गुंजाइश होगी, वहाँ निजी बैंक प्रतिस्पर्धा करके बिज़नेस हासिल कर लेंगे और सरकारी बैंकों के लिए सिर्फ़ घाटे वाले काम ही बचे रह जाएँगे? इन सारे सवालों का जवाब आने वाले दिनों में मिलने की उम्मीद है, जब बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े अनुभवी विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएँ सामने आएँगी।