टेलीकॉम सेक्टर में नहीं थम रहा छंटनी का दौर, अब Vodafone से निकाले जाएंगे 11 हजार कर्मचारी

वोडाफोन में अबतक की सबसे बड़ी छंटनी करने का प्लान बनाया गया है। कंपनी की नई बॉस ने कहा है कि करीब 11 हजार लोगों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा।

Updated: May 16, 2023, 05:11 PM IST

साल 2023 नौकरीपेशा खासकर IT और टेलीकॉम सेक्टर में कार्यरत पेशेवरों के लिए बुरा साबित हो रहा है। वैश्विक मंदी की आशंका के बीच दुनियाभर की कंपनियों में बड़े स्तर पर छंटनी हो रही है। सबसे बुरे हालात अमेरिकी टेक जिएंट्स की है। इन कंपनियों में बीते साल के आखिर से ही छंटनी शुरू हो गई जो कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। इसका सबसे अधिक खामियाजा भारतीय आईटी पेशेवरों को उठाना पड़ रहा है। इसी बीच अब ब्रिटिश टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन ने भी बड़े स्तर पर छंटनी का ऐलान किया है।

टेलीकॉम सेक्टर की प्रमुख कंपनियों में से एक वोडाफोन ने 11 हजार कर्मचारियों को निकालने का प्लान बनाया है। वोडाफोन कंपनी की नई बॉस मार्गेरिटा डेला वैले ने कहा कि अगले तीन साल में 11 हजार नौकरियों में कटौती होगी। जॉब्स में इतनी बड़ी कटौती कंपनी के कारोबार में नुकसान के कारण की जा रही है। कंपनी की नई बॉस ने कहा कि वोडाफोन के कैश फ्लो में भारी गिरावट का अनुमान है। इस साल करीब 1.5 अरब यूरो की कमी का अनुमान लगाया गया है।

डेला वैले ने कहा कि जिन लोगों को पिछले महीने स्थायी तौर पर नियुक्त किया गया था, उनका और कंपनी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। हमारी प्राथमिकताएं ग्राहक, सरलता और विकास हैं। ऐसे में टेलीकॉम सेक्टर की रेस में बने रहने के लिए जटिलताओं को दूर करने के साथ ही संगठन को सरल बनाएंगे। इस कारण नौकरियों में कटौती करना आवश्यक है।

वोडाफोन समूह भारत समेत कई देशों में कारोबार करती है। इस कंपनी में करीब 1 लाख लोग कार्यरत हैं। 11 हजार नौकरियों में कटौती इस कंपनी के लिए अबतक की सबसे बड़ी कटौती है। वोडाफोन ने कहा कि वह इस वित्तीय वर्ष में करीब 3.3 अरब यूरो कैश पैदा करेगी। वहीं मार्च के अंत तक 4.8 अरब यूरो की तुलना में एक्सपर्ट द्वारा करीब 3.6 अरब यूरो की उम्मीद थी।

भारत में वोडाफोन आइडिया के साथ मिलकर टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइड कराता है। यहां इसके कारोबार में पिछले कुछ सालों से गिरावट देखी जा रही है। ग्लोबल स्तर पर इतनी बड़ी संख्या में छंटनी करने वाली टेलीकॉम सेक्टर की ये पहली कंपनी होगी। वोडाफोन का सबसे बड़ा मार्केट जर्मनी है। यहां भी कंपनी का खराब प्रदर्शन लगातार जारी है। वोडाफोन समूह ने कोर आय में 1.3 फीसदी गिरावट दर्ज की है और कोर आय 14.7 बिलियन यूरो हो चुका है।