काबुल ड्रोन हमले में मारे गए थे 7 मासूम बच्चे, अमेरिका ने अब मानी भूल, कहा- माफ कर दीजिए

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अमेरिकी सेना ने एक कार को बनाया था निशाना, 7 बच्चों समेत 10 आम नागरिकों की हुई थी मौत, अमेरिका ने अब बताया भयानक गलती

Updated: Sep 18, 2021, 06:09 AM IST

Photo Courtesy: News18
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वॉशिंगटन। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बीते 29 अगस्त को हुए ड्रोन हमले में अमेरिका ने अपनी गलती मान ली है। अमेरिका ने इसे भयंकर भूल बताते हुए माफी भी मांगी है। अमेरिकी सेना ने पहली बार ये स्वीकार किया है कि ड्रोन हमले में 7 बच्चों समेत 10 बेकसूर नागरिकों की जानें गई। अमेरिका ने स्पष्ट रूप से इसे इंटेलिजेंस फेलियर बताया है।

अमेरिकी सेंट्रल कमांड के चीफ कमांडर जनरल फ्रैंक मैंकेंजी ने शुक्रवार रात कहा, 'यह हमला दुखद गलती थी। अमेरिकी सेना ने इस विश्वास के साथ हमला किया था कि यह हमारे सुरक्षा बलों और हवाई अड्डे के जरिये निकाले गए लोगों पर मंडराते खतरे को रोक देगा। मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। अमेरिका पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने पर विचार कर रहा है।' मैकेंजी ने यह भी कहा कि वह इस हमले और दुखद परिणाम के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं।

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मैकेंजी ने बताया कि अमेरिकी सेना ने करीब आठ घंटे तक उस टोयोटा वाहन को ट्रैक किया था। इसके बाद जब सेना आश्वस्त हो गई कि वाहन संदिग्ध है उसके बाद हमला शुरू किया। मैकेंजी के मुताबिक उस वक्त 60 से ज्यादा खुफिया जानकारी मिली थी जिससे संकेत मिला कि हमला होने वाला है। उन्होंने बताया कि छह रीपर ड्रोन ने गाड़ी का पीछा किया था। हालांकि, उन्होंने अफसोस जताते हुए इसे इंटेलिजेंस फेलियर करार दिया।

दरअसल, अमेरिकी इंटेलीजेंस ने सेना को बताया था ISIS के आतंकी काबुल एयरपोर्ट पर हमलों की तैयारी कर रहे हैं। इटेंलीजेंस एजेंसी ने सफेद रंग की टोयोटा कार के बारे में बताया था कि ISIS आतंकी इसका उपयोग कर रहे हैं। इसके बाद अमेरिकी सेना ने उस संदिग्ध कार को 8 घंटे तक ट्रैक किया और ड्रोन अटैक से उसे उड़ा दिया। लेकिन इस गाड़ी के बारे में इंटेलीजेंस की रिपोर्ट गलत थी। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक उस गाड़ी में विस्फोटक नहीं बल्कि पानी के कैन रखे हुए थे।