डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ चलेगा महाभियोग, स्पीकर नैंसी पलोसी का एलान

अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की स्पीकर पलोसी ने कहा, उपराष्ट्रपति पेंस ने अगर ट्रंप को नहीं हटाया तो महाभियोग ही विकल्प, ऐसा हुआ तो ट्रंप दो बार महाभियोग का सामना करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे

Updated: Jan 11, 2021, 11:54 AM IST

Photo Courtesy: Indian Express
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वॉशिंगटन। अमेरिका के चुनाव हार चुके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने कार्यकाल के बचे-खुचे दिन महाभियोग का सामना करते हुए बिताने पड़ सकते हैं। अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेंजेटेटिव यानी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पलोसी ने उन पर महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने का एलान कर दिया है। पलोसी ने कहा है कि अगर उप-राष्ट्रपति माइक पेंस और कैबिनेट के मंत्री मिलकर ट्रंप को हटाने का संवैधानिक विकल्प नहीं अपनाते तो उनके ख़िलाफ़ महाभियोग लाना ही पड़ेगा।

पलोसी ने कहा है कि ट्रंप ने जिस तरह से अपने समर्थकों को उकसा कर अमेरिकी संसद पर हमला करवाया उसके बाद वे लोकतंत्र के लिए ख़तरा बन चुके हैं, लिहाज़ा उन्हें जल्द से जल्द हटाना ही होगा। स्पीकर पलोसी ने ये तमाम बातें अमेरिकी सांसदों के नाम रविवार को लिखे एक पत्र में कही हैं।

पलोसी का कहना है कि हाउस में सबसे पहले एक प्रस्ताव लाकर उप-राष्ट्रपति माइक पेंस से अनुरोध किया जाएगा कि वे अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन का इस्तेमाल करके ट्रंप को उनके पद से हटा दें। इसके बाद हम चौबीस घंटे तक इंतज़ार करेंगे। इस दौरान अगर पेंस और कैबिनेट के सदस्यों ने ट्रंप को नहीं हटाया तो महाभियोग की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। स्पीकर पलोसी ने अपने पत्र में लिखा है कि अपने संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमें जल्द से जल्द कदम उठाना होगा, क्योंकि यह राष्ट्रपति दोनों के ख़िलाफ़ बड़ा ख़तरा हैं। इस राष्ट्रपति की तरफ़ से हमारे लोकतंत्र पर हमला लगातार जारी है, इसलिए तत्काल कदम उठाना बेहद ज़रूरी हो गया है।

उम्मीद की जा रही है कि पलोसी की टीम मंगलवार को 25वें संशोधन के ज़रिए ट्रंप को हटाने का प्रस्ताव संसद के सामने रखेगी, अगर यह प्रस्ताव पारित हो गया, तो पेंस और कैबिनेट सदस्यों को चौबीस घंटे का वक़्त मिलेगा।अगर उन्होंने ट्रंप को नहीं हटाया तो बुधवार को महाभियोग की कार्यवाही शुरू हो सकती है। अगर ऐसा हुआ तो ट्रंप अपने कार्यकाल में दो बार महाभियोग की कार्यवाही का सामना करने वाले अमेरिका के पहले राष्ट्रपति होंगे। इससे पहले दिसंबर 2019 में भी ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही चलाई जा चुकी है। उस वक्त प्रतिनिधि सभा ने तो ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पारित भी कर दिया था, लेकिन सीनेट में उसे ठुकरा दिए जाने के कारण ट्रंप का राष्ट्रपति पद बच गया था। 

इस बीच, महाभियोग की संभावना को देखते हुए ट्रंप की अपनी रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने भी उन पर पद छोड़ने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। दो रिपब्लिकन सांसदों ने खुलकर कहा है कि संसद पर हुए हमले के बाद ट्रंप को फ़ौरन इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। पेनसिलवेनिया के सीनेटर पैट टूमी और अलास्का की सीनेटर लिसा मुरकोवस्की ने रविवार को ट्रंप से अपील की कि वे जितनी जल्दी हो सके इस्तीफ़ा देकर चले जाएँ। सीनेटर टूमी ने तो यहाँ तक कहा कि ट्रंप अब भविष्य में भी किसी सार्वजनिक पद पर बैठने का अपना अधिकार खो चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता वे दोबारा चुने जाने लायक़ हैं।

अमेरिका में ऐसे सांसदों की संख्या तेज़ी से बढ़ती जा रही है, जो मानते हैं कि ट्रंप भविष्य में भी किसी चुने हुए ऑफिस को सँभालने के योग्य नहीं हैं। अमेरिकी संसद पर हमले की घटना से पहले ऐसी चर्चा आम तौर पर होती रही है कि ट्रंप इस बार भले ही चुनाव हार गए हैं, लेकिन चार साल बाद वो एक बार फिर से राष्ट्रपति पद के लिए दावा पेश कर सकते हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों की घटनाओं ने साफ़ कर दिया है कि अपने समर्थकों को हिंसा के लिए उकसाकर उन्होंने न सिर्फ़ अमेरिकी संविधान और लोकतंत्र पर हमला किया, बल्कि अपने पैरों पर भी कुल्हाड़ी मार ली है।