आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन करने से रोकने पर बरसे कमल नाथ, बोले इनके साथ न्याय करे शिवराज सरकार
सोमवार को प्रदेशभर से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करने पहुंचने वाली थीं लेकिन उन्हें भोपाल की सीमाओं पर ही रोक दिया गया, कुछ को भोपाल रेलवे स्टेशन पर धरने पर बैठना पड़ा
भोपाल। अपनी 18 सूत्री मांगों को लेकर सोमवार को विधानसभा का घेराव करने आने वालीं प्रदेशभर की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भोपाल पहुंचने से पहले ही रोक लिया गया। उन्हें प्रशासन ने भोपाल की सीमाओं पर ही रोक लिया। जबकि कुछ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भोपाल स्टेशन पर पुलिस का विरोध झेलना पड़ा। मजबूरन कार्यकर्ताओं ने रोके जाने के विरोध में भोपाल स्टेशन पर ही धरना देना शुरू कर दिया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने भोपाल पुलिस पर बदतमीजी करने का आरोप भी लगाया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा, तब तक वे टस से मस नहीं होंगी।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रति शिवराज सरकार के उदासीन रवैए की प्रदेश के पूर्व सीएम कमल नाथ ने आलोचना की है। कमल नाथ ने कहा है कि शिवराज सरकार को कोरोना संकट के वक्त सेवा देने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों को जल्द से जल्द मानना चाहिए और इनके साथ न्याय करना चाहिए।
पूर्व सीएम ने कहा कि प्रदेश की आँगनवाडी, आशा, उषा कार्यकर्ता बहने अपने मानदेय, भुगतान व अन्य 18 सूत्रीय माँगो को लेकर आज भोपाल में प्रदर्शन करने अनुमति लेकर आ रही थी लेकिन अचानक से इनकी अनुमति निरस्त कर दी गयी, इन्हें भोपाल की सीमाओं पर ही रोक लिया गया।
शिवराज सरकार में इन बहनो को प्रताड़ित किया जा रहा है , इन्हें भोपाल आने से रोका जा रहा है , इनकी बात तक नही सुनी जा रही है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) March 7, 2022
लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार प्राप्त है , पता नही सरकार को इन बहनो से क्या डर है..?
कमल नाथ ने राज्य सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि शिवराज सरकार में इन बहनो को प्रताड़ित किया जा रहा है, इन्हें भोपाल आने से रोका जा रहा है, इनकी बात तक नही सुनी जा रही है। कमल नाथ ने लोकतांत्रिक अधिकारों का हवाला देते हुए कहा कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार प्राप्त है, पता नहीं सरकार को इन बहनों से क्या डर है? उन्होंने कहा कि मैं शिवराज सरकार से माँग करता हूँ कि इन बहनो ने कोरोना के भीषण संकट काल में भी अपनी सेवाएँ दी है, इनकी माँगो पर तत्काल सहानुभूतिपूर्ण निर्णय लेकर इनके साथ न्याय किया जाए।