संविदा स्वास्थ्यकर्मियों से मिले अरुण यादव, मृतक ANM बहनों को दी श्रद्धांजलि, कहा- बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे
कोरोना महामारी के समय जान की बाजी लगाकर संक्रमित मरीजों की सेवा करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों एवं कोरोना योद्वाओं को मिल रही लाठी: पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण यादव

भोपाल। मध्य प्रदेश में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयों का हड़ताल आज 13 वें दिन भी जारी रहा। हड़ताल की वजह से प्रदेश के 30 से अधिक जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं पिछले दो हफ्ते से ठप्प हैं। स्वास्थ्य कर्मियों के इस अनिश्चितकालीन हड़ताल को कांग्रेस नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है। इसी क्रम में आज पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव ने राजधानी भोपाल में धरना स्थल पर पहुंच कर संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की मांगों का समर्थन किया। इस दौरान उन्होंने मृतक दो ANM को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
आज भोपाल में संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल पर पहुंचकर उनकी मांगें सुनी और उन्हें संबोधित करते हुए वचन दिया जब 2023 मे सरकार बनेगी आपकी एक-एक मांग को पूरा किया जाएगा । pic.twitter.com/ZzsNw18q4B
— Arun Subhash Yadav (@MPArunYadav) December 27, 2022
कांग्रेस के कद्दावर नेता अरुण यादव मंगलवार दोपहर 12 बजे पार्टी के सीनियर विधायक पीसी शर्मा, पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल, प्रवक्ता संगीता शर्मा, अब्बास हफीज व अन्य लोगों के साथ धरनास्थल पहुंचे। यहां दो संविदाकर्मी ANM बहनों की तस्वीर लगी हुई थी जिनकी पिछले 13 दिनों में मौत हुई है। ये दोनों मृतक बहनें भी हड़ताल में शामिल हो रहीं थीं। यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि इनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे।
इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव ने कहा कि, 'यह स्वास्थ्यकर्मी विगत 12 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं। सरकार इनकी बातें सुनने के बजाय लाठी मार रही है। यह वही कर्मचारी हैं जिन्होनें महामारी के दौरान अपनी जान पर खेलकर मरीजों की सेवा की और उनके जीवन को बचाया। भाजपा ने विगत 2013 के चुनाव में एवं 2018 में भी घोषणा पत्र में इनकी मांगों को पूरा करने का जिक्र किया गया था किन्तु सरकार ने अपना वादा नहीं पूरा किया। इनकी मांगे जस की तस है।'
यादव ने आगे कहा कि, 'राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है वहॉ पर CHO स्वाथ्यकर्मियों को नियमित किया जा चुका है। इसके साथ ही उड़ीसा में भी सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों की बात मानी है। मप्र में हम इन्हें आश्वस्त करते हैं कि कांग्रेस की सरकार बनने पर हम इनकी मॉगों को प्राथमिकता से पूर्ण करेंगें एवं नियमितीकरण करेंगें। हमने विधानसभा के पटल पर भी स्वास्थ्यकर्मियों की मांगों को रखा था। लेकिन सरकार चर्चा से भाग गई।