MP के फॉरेस्ट रेंज में भीषण आग, खतरे में बाघों की बड़ी आबादी, कांग्रेस बोली- शाह को सिर्फ उत्तराखंड के जंगलों की चिंता

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह बोले, अमित शाह जितना उत्तराखंड के जंगलों की आग को लेकर चिंतित हैं, उतना मध्यप्रदेश के लिए नहीं, यह सौतेला व्यवहार इसलिए क्योंकि उत्तराखंड में चुनाव है

Updated: Apr 05, 2021, 12:41 PM IST

Photo Courtesy: NDTV
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भोपाल। मध्यप्रदेश के जंगलों में भीषण आग को लेकर केंद्र द्वारा मदद न मिलने पर कांग्रेस ने केंद्र की बीजेपी सरकार की तीखी आलोचना की है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर मध्यप्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार के गृहमंत्री उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग को लेकर चिंतित हैं, मध्यप्रदेश के लिए नहीं। उन्होंने बताया है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि उत्तराखंड में चुनाव होने वाले हैं।

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, 'खबर के अनुसार मध्यप्रदेश के 6 फॉरेस्ट रेंज लगभग 48 घण्टे से आग में झुलस रहे हैं और करीब 105 sq km जंगल में आग फैल चुकी है। बांधवगढ़ नेशनल पार्क में लगी इस आग से 1 शेरनी के मरने की भी खबर है। लेकिन गृह मंत्री अमित शाह उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग से जितने चिंतित हैं, उतने वे मध्यप्रदेश प्रदेश के फारेस्ट रेंज में लगी आग से चिंतित नही हैं। आखिर मध्यप्रदेश के साथ ये सौतेला व्यवहार क्यों? क्योंकि अगले चुनाव उत्तराखण्ड में हैं ना कि मध्यप्रदेश में!' 

दरअसल, उत्तराखंड की जंगलों में लगी आग को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि, 'उत्तराखंड के जंगलों में आग के सम्बंध में मैंने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री से बात कर जानकारी ली। आग पर काबू पाने और जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने तुरंत NDRFHQ की टीमें और हेलिकॉप्टर उत्तराखंड सरकार को उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिए हैं।' 

शाह के इस ट्वीट पर मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी निशाना साधा है। साथ ही गृहमंत्री को संविधान की शपथ का पालन करने की नसीहत दी है। कांग्रेस ने ट्वीट किया, 'गृहमंत्री को मध्यप्रदेश के जंगलों की आग नहीं दिखी, उत्तराखंड के लिये ट्वीट किया क्योंकि वहाँ चुनाव है।अमित शाह जी, मध्यप्रदेश के 6 फ़ॉरेस्ट रेंज का लगभग 102 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा भी धू-धू कर जल रहा है। अस्तरीय राजनीति छोड़िए और संविधान की शपथ पालन कीजिये।' 

मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व व नेशनल पार्क में बीते कुछ दिनों से आग लगी हुई है। इस आग ने विकराल रूप धारण करते हुए 6 फॉरेस्ट रेंज के 105 वर्ग किलोमीटर जंगल को अपनी जद में ले लिया है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इतने बड़े स्तर पर आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। बताया जा रहा है कि आग की तेज लपटें जंगल के पेड़-पौधों को जलाकर खाक करते हुए तेजी से फैल रही है।

टाइगर रिजर्व में लगे इस भीषण आग में एक बाघिन ने अपनी जान गंवा दी है। इसी के साथ पार्क में मौजूद हजारों की संख्या में दुर्लभ वन्य प्राणियों की जान पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट के तौर पर देशभर में विख्यात है, लेकिन इस आग ने राज्य के टाइगर्स के जीवन को भयानक खतरे में डाल दिया है। बीते चार-पांच दिनों से प्रशासनिक अमला आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहा है हालांकि संसाधनों की कमी आड़े आ रही है। इनसब के बावजूद केंद्र की ओर से अबतक मदद तो दूर केंद्रीय मंत्रियों ने इसपर बात तक नहीं कि है। 

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इसी बीच एक और जानकारी सामने आ रही है कि राज्य की शिवराज सरकार ने जंगल मे तैनात वन्य कर्मियों के पद खत्म कर दिए हैं। इस फैसले के पीछे सरकार का तर्क आग पर नियंत्रण करना है, यानी तर्क यह है कि जब जंगल में लोग रहेंगे नहीं तो आग कैसे लगेगी। अब इसी तर्क ने एक बड़े वन्य जीवन को संकट में डाल दिया है। वन रक्षकों की नौकरी खत्म करने का खामियाजा जंगल भुगत रहे हैं।

बता दें कि मध्यप्रदेश का बांधवगढ़ नेशनल पार्क बड़े पैमाने पर जैव विविधता के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। भारत में सबसे ज्यादा बाघ इसी पार्क में पाए जाते हैं, इसके अलावा बड़ी संख्या में तेंदुआ और हिरण की कई प्रजातियां भी यहां पाई जाती हैं। करीब 716 वर्ग किलोमीटर में फैले इस जंगल को साल 1968 में नेशनल पार्क घोषित किया गया था वहीं साल 1993 में इसे टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। हर साल लाखों सैलानी यहां इन दुर्लभ प्रजातियों के वन्यजीवों को देखने आते हैं।