इंदौर में नाबालिग छात्राओं को निर्वस्त्र कर चेकिंग का मामला, हाईकोर्ट ने 7 दिन में प्रशासन से मांगा जवाब

इंदौर के शासकीय कन्या विद्यालय में छात्राओं के साथ हुई अभद्रता के खिलाफ गांधीवादी विचारक चिन्मय मिश्र द्वारा एक जनहित याचिका मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के समक्ष जनहित याचिका लगाई गई है।

Updated: Aug 09, 2024, 11:39 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में नाबालिग छात्राओं को कपड़े उतरवाकर चेकिंग के मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान में लिया है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के इंदौर खंडपीठ ने मामले में नोटिस जारी कर सात दिन के भीतर प्रशासन से जवाब मांगा है। नोटिस में इस घटना को लेकर उठाए गए कदमों के बारे पूछा गया है।

दरअसल, बीते दिनों ने इंदौर के शासकीय कन्या विद्यालय में छात्राओं को निर्वस्त्र करने की घटना सामने आई थी। वरिष्ठ गांधीवादी विचारक एवं लेखक चिन्मय मिश्र द्वारा इस मामले में जनहित याचिका दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि बीते दो अगस्त को इंदौर के शासकीय कन्या विद्यालय में अध्यापिका द्वारा मोबाइल फोन ढूंढने के नाम पर कम से कम 6 छात्राओं के कपड़े जबरदस्ती उतरवाकर जांच की गई। पालकों द्वारा इस संबंध में एक लिखित शिकायत मल्हारगंज थाने में की गई थी, परंतु पुलिस प्रशासन द्वारा उस शिकायत पर पॉक्सो कानून के अंतर्गत कार्यवाही नहीं की जा रही थी। 

याचिकाकर्ता चिन्मय मिश्र की ओर से इस मामले में अधिवक्ता अभिनव धनोड़कर द्वारा पैरवी की गई।
याचिका में अंतरिम सहायता के तौर पर मांग की गई है कि मामले में चाइल्ड वेलफेयर कमिटी तथा सपोर्ट पर्सन की नियुक्ति कर, मामले की जांच पॉक्सो कानून के अंतर्गत की जाए। साथ ही साथ मुख्य सहायता के रूप में माननीय न्यायालय से पॉक्सो कानून की धारा 19 जिसके अंतर्गत बच्चों के विरुद्ध होने वाले लैंगिक अपराधों की शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की जाती है, के पूर्ण पालन हेतु उचित दिशा निर्देश जारी करने का निवेदन किया गया है। तथा धारा 39 के अंतर्गत सपोर्ट पर्सन नियुक्त करने तथा कार्य करने बाबद उचित दिशा निर्देश जारी करने का निवेदन किया है।

उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और जस्टिस दुप्पला वेंकटरमणा ने इस याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। तथा मामले की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए 7 दिन में प्रशासन द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है इस हेतु प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तारीख तय की है।