इंदौर: ठेकेदार आत्महत्या मामले में संदिग्ध अफसर लापता, अफसर ने ही भाटिया को दिलाया था टेंडर

नगर निगम से कुछ महीने पहले ही वीआरएस देकर रिटायर किए गए एक अफसर की संदिग्ध भूमिका का खुलासा हुआ है, अफसर के पास एक न्यू ब्रांड कार है, जिसकी EMI मृतक के अकाउंट से जा रही थी।

Updated: Dec 08, 2023, 07:31 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के चर्चित ठेकेदार अमरजीत सिंह पप्पू भाटिया आत्महत्या केस की गुत्थी उलझती जा रही है। मामले में जिस संदिग्ध अफसर पर शक की सुई जा रही थी वह लापता हो गया है। ठेकेदार का परिवार निगम के उसी रिटायर्ड अफसर को ही दोषी ठहरा रहा है। लेकिन वह ठेकेदार की मौत के बाद से ही लापता है।

दरअसल, नगर निगम से कुछ महीने पहले ही वीआरएस देकर रिटायर किए गए एक अफसर की संदिग्ध भूमिका का खुलासा हुआ है। अफसर के पास एक न्यू ब्रांड कार है, जिसकी EMI मृतक के अकाउंट से जा रही थी। बताया जा रहा है कि इसी अफसर ने अमरजीत को शहर के सौंदर्यीकरण का काम हाथ में ले चुकी एक कंपनी से पेटी कॉण्ट्रेक्ट पर दिलाया था। इस काम के बदले निगम अफसर ने मोटा कमीशन भी लिया था।

मौत से दो दिन पहले रिटायर्ड अफसर और ठेकेदार के बीच नगर निगम के टेंडर में उलझे पैसों को लेकर मीटिंग भी हुई थी। लेकिन अफसर ने पैसा दिलाने के नाम पर हाथ खड़े कर दिए थे। अफसर ने डॉक्यूमेंट में नाम ना लेते हुए सारे काम बतौर पेटी कांट्रैक्टर भाटिया को दिला दिए थे। इसके बाद ठेका प्राप्त करने वाली कंपनी को तो नगर निगम की तरफ से पेमेंट हुआ। लेकिन बतौर पेटी कांट्रेक्टर भाटिया के पास उनका पेमेंट नहीं पहुंचा। अमरजीत के पास खुद करीब 50 से ज्यादा छोटे पेटी कांट्रैक्टर काम करते थे। उन्होंने इन आयोजनों में उनसे काम भी करवाया था,जो पेमेंट के लिए भाटिया के पास तकादा कर रहे थे।

वीआरएस ले चुके निगम अधिकारी के बारे में ठेकेदार के परिवार का कहना है कि उन्होंने ठेका लेने वाली कंपनी से अपने कमीशन का हिसाब-किताब तो कर लिया। लेकिन वह भाटिया को पेमेंट दिलवाने में आनाकानी कर रहे थे। भाटिया ने जनवरी 2023 में हुए कामों का छोटे ठेकेदारों और मजदूरों को दिसंबर में सुसाइड के पहले तक अपने पास से पेमेंट किया, जिसके चलते वो खुद कर्ज में डूबते चले गए और हताश होकर आत्मघाती कदम उठाया।