नर्मदा संरक्षण के लिए पर्यावरणविदों के साथ दिग्विजय सिंह का मंथन, रविवार को भोपाल में जुटेंगे पर्यावरण प्रेमी

नर्मदा संरक्षण से जुड़े जीवंत सवालों के जवाब तलाशने जुटेंगे नर्मदा क्षेत्र में सक्रिय कार्यकर्ता और पर्यावरणविद्.. मेधा पाटकर, राजकुमार सिंहा, कमलेश मढ़ीवाला और राजेन्द्र चंद्रकांत राय समेत कई हस्तियां लेंगी हिस्सा। लेखक और साहित्यकार पंकज सुबीर करेंगे संचालन

Updated: Mar 05, 2022, 11:55 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम व नर्मदा संरक्षण न्यास के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह रविवार को नर्मदा संरक्षण को लेकर पर्यावरणविदों के साथ मंथन करेंगे। राजधानी भोपाल स्थित बीएसएसएस कॉलेज सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में नर्मदा क्षेत्र में सक्रिय मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के पर्यावरण कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगेगा। नर्मदा संरक्षण न्यास के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सिंह ने पर्यावरण प्रेमियों को खुला आमंत्रण भी दिया है।

दिग्विजय सिंह ने 3100 किलोमीटर की पैदल नर्मदा परिक्रमा करने के बाद नर्मदा नदी की क्षीण होती धार और लगातार प्रकृति के साथ हो रहे अत्याचार को देखते हुए संकल्प लिया था कि वे नर्मदा के संरक्षण के लिए जीवन पर्यन्त काम करेंगे। नर्मदा के अस्तित्व को बचाए रखने के उद्देश्य से उन्होंने नर्मदा संरक्षण न्यास का गठन किया और स्वयं इस इलाके के लोगों से संपर्ककर उनकी समस्याओं के समाधान के लिए काम करना शुरू किया। उन्होंने नर्मदा किनारे नरसिंहपुर के एक आदिवासी गांव को गोद भी लिया है ताकि उन इलाकों के लोगों के जीवन में सुधार के साथ साथ उन्हें प्रकृति के संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा सके।

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नर्मदा संरक्षण न्यास की स्थापना के बाद से ही से ही सिंह समेत इस न्यास से जुड़े अन्य सभी लोग नर्मदा संरक्षण के लिए विभिन्न गतिविधियों में शामिल रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार 6 मार्च को भी एक अहम परिचर्चा का आयोजन किया गया है। इस परिचर्चा में दिग्विजय सिंह, अमृता राय और रामेश्वर निखरा के अलावा नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रणेता मेधा पाटेकर, पर्यावरणविद राजेन्द्र चंद्रकांत राय, सोशल एक्टिविस्ट राजकुमार सिन्हा, भरूच (गुजरात) से मछुआरा समाज से जुड़े कमलेश मढ़ीवाला, पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा व साहित्यकार पंकज सुबीर भी मौजूद रहेंगे। पंकज सुबीर इस कार्यक्रम का संचालन करेंगे।

रेत उत्खनन से संकट में नर्मदा का अस्तित्व: दिग्विजय सिंह

परिचर्चा को लेकर नर्मदा संरक्षण न्यास के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने कहा कि, 'देश की प्राचीन नदियों में से एक नर्मदा मध्यप्रदेश की जीवन रेखा है। वे एक सदानीरा के रूप में हमारे अंचल में युगों-युगों से विद्यमान हैं। जन-जन की आस्था की केंद्र नर्मदा को देवी के रूप में भी पूजा जाता है, उसकी परिक्रमा की जाती है। यह अत्यंत दुखद है कि अब इस जीवनदायिनी नदी की अविरल धारा क्षीण हो चली है। रेत के बेतहाशा उत्खनन और तटों पर आबाद वनों-पहाड़ों की अंधाधुंध कटाई से उनका अस्तित्व संकट में आ गया है।

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राज्यसभा सांसद ने आमलोगों को भेजे अपने आमंत्रण पत्र में लिखा है कि, 'नर्मदा की अमृतधारा सूखने की कगार पर है इन मुश्किलों को लेकर बहुत से सवाल हैं जो सिर्फ नर्मदा से नहीं, मनुष्यता और उसके अस्तित्व से जुड़े हुए हैं और इन्ही प्रश्नों के उत्तर तलाशने के लिए नर्मदा संरक्षण न्यास ने "नर्मदा के पर्यावरण, आस्था और अस्तित्व" विषय पर पर्यावरणविद और जानकारों के साथ परिचर्चा का आयोजन किया है जहां जीवन को चेतना देने वाली इस नदी और उसके पर्यावरण से जुड़े जीवंत सवालों के जवाब तलाशे जाएंगे।'

उत्खनन के खिलाफ जनचेतना को जागृत करेंगे: अमृता राय

नर्मदा संरक्षण न्यास की कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती अमृता राय ने इस आयोजन को लेकर कहा कि, 'नर्मदा संरक्षण को लेकर न्यास का प्रण है कि नर्मदा नदी की धारा अविरल रहे, वे सदानीरा रहें, नर्मदा का पारिस्थितिक तंत्र सुरक्षित व अक्षुण्ण रहे। नर्मदा संरक्षण न्यास अपने प्रण को पूरा करने के लिए नर्मदा की प्रकृति और संस्कृति से न सिर्फ जुड़ा रहेगा बल्कि समाज में जनचेतना को जागृत करने का हरसंभव प्रयास भी करेगा।' 

बता दें कि नर्मदा संरक्षण न्यास द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम रविवार दोपहर 3 बजे से भोपाल के हबीबगंज नाका क्षेत्र में स्थित बीएसएसएस कॉलेज के सभागार में होना है। दिग्विजय सिंह ने भोपाल व आसपास के इलाकों में रहने वाले पर्यावरण प्रेमियों खासकर नर्मदा क्षेत्र के लोगों को इस परिचर्चा में भाग लेने के लिए खुला आमंत्रण दिया है जिससे चर्चा में हुए मंथन से नर्मदा संरक्षण के लिए जो बात निकलकर सामने आए वो लोगों तक पहुंच सके और आमजनों का सुझाव भी लिया जा सके।