RTI एक्टिविस्ट करता है ब्लैकमेल, इंदौर कलेक्टर ने दिए FIR के निर्देश, सूचना आयुक्त ने उठाए गंभीर सवाल
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कहा कि वो किस किस्म के अधिकारी हैं, जिन्हें ब्लैकमेल किया जाता है? जो ब्लैकमेल होते हैं और जो ब्लैकमेल करते हैं वे एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में RTI एक्टिविस्ट के खिलाफ एफआईआर मामले में राज्य सूचना आयुक्त और इंदौर कलेक्टर आमने-सामने आ गए हैं। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह के आदेश पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए अधिकारियों और ब्लैकमेलर्स को एक ही थैले के चट्टे बट्टे करार दिया है।
दरअसल, इंदौर कलेक्टर ने सोमवार को आरटीआई एक्टिविस्ट संजय मिश्रा के खिलाफ ब्लैकमेलिंग मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर इंदौर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जानकारी देते हुए बताया कि, 'RTI एक्टिविज्म के नाम पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों को डरा धमका कर, ब्लैकमेलिंग करने और वसूली करने वाले व्यक्ति संजय मिश्रा के विरुद्ध एक्सटोर्शन की FIR कराने के निर्देश अपर कलेक्टर अभय बेडेकर को दिए।'
संजय मिश्रा द्वार सूचना के अधिकार का दुरुपयोग कर अधिकारियों- कर्मचारियों को ब्लैकमेल करने की शिकायत आज बैठक में कई अधिकारियों द्वारा की गई।@CMMadhyaPradesh @JansamparkMP
— Collector Indore (@IndoreCollector) February 21, 2022
इंदौर कलेक्टर के इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। सिंह ने पूछा है कि आखिर वे किस किस्म के अधिकारी होते हैं जिन्हें ब्लैकमेल किया जाता है। उन्होंने कहा है कि ब्लैकमेल करना अपराधिक कृत्य है और कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन RTI की जिस जानकारी के लिए ब्लैकमेल किया जा रहा है, उस जानकारी को पारदर्शिता के साथ सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
ब्लैकमेल करना अपराधिक कृत्य। कार्रवाई होनी चाहिए। पर साथ में RTI की जिस जानकारी के लिए ब्लैकमेल किया जा रहा है उस जानकारी को प्रशासनिक पारदर्शिता के मापदंड के तहत पब्लिक प्लेटफॉर्म पर डाल देना चाहिए। क्योंकि सवाल अक्सर यह भी उठते हैं कि ब्लैकमेल किस किस्म के अधिकारी होते हैं। https://t.co/hCUI7YgEzd
— Rahul Singh (@rahulreports) February 21, 2022
सूचना आयुक्त ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, '2019 से मैं राज्य सूचना आयुक्त हूं। मेरे कार्यालय में भी RTI दायर होती है। पर आजतक मुझे किसी ने RTI के नाम पर ब्लैकमेल नहीं किया। अगर कोई करेगा तो जानकारी मैं RTI में दूँगा पर साथ में FIR जरुर करूंगा। जो अधिकारी ब्लैकमेल होते हैं और जो उन्हें करते हैं, वह एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं।
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उन्होंने आगे लिखा है कि, 'हमें यह नही भुलना चाहिए कि करोड़ों अरबों रुपए के घोटालो का पर्दाफाश भी इसी RTI से हुआ है। RTI देश का एकमात्र कानून, जिसके दम पर अंतिम पंक्ति का व्यक्ति बराबरी में बैठकर प्रथम पंक्ति के साहेब से हक़ से जानकारी मांगता है।'
जानकारी के मुताबिक कलेक्टर के साथ बैठक में कई अधिकारियों ने कहा था कि संजय मिश्रा उन्हें लगातार ब्लैकमेल कर रहे हैं। लेकिन अब सवाल ये उठ रहे हैं कि ऐसी कौन सी जानकारी है जिसके आधार पर RTI एक्टिविस्ट द्वारा अधिकारियों को ब्लैकमेल किया जा रहा था? इस पूरे मामले में इंदौर कलेक्टर की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।